Jitendra kumar Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Jitendra kumar 15 Jan 2024 · 1 min read सब तो उधार का तो फिर मेरे पास क्या सब तो है उधार का इक रोटी खाई उधार की ये कपड़े पहना उधार का पैरों को ढकने जुते नहीं थे जुते लिया उधार का... Hindi · कविता · मुक्तक 1 192 Share