जगदीश शर्मा सहज Tag: छंद 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जगदीश शर्मा सहज 5 Jun 2022 · 1 min read धरती माँ धरती कहे मैं मौन हूँ, मैने किया विष का वरण। प्रत्येक प्राणी के लिए, मैंने दिया पर्यावरण।। धूमिल धुआँ मैंने पिया , जलता रहा मेरा हिया। मैंने सहा चिरकाल तक,बढ़ता... Hindi · छंद 4 8 364 Share जगदीश शर्मा सहज 4 May 2022 · 1 min read जय परशुराम कर में परशु, सिर पर जटाएँ, वेद मुख से झर रहे। भृगुवंश के आराध्य की हम, आज पूजन कर रहे।। सत्कर्म का सद्धर्म का जब, लोप हो जाता कहीं ।... Hindi · छंद 1 2 183 Share