जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया Tag: श्रृंगार के दोहे 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 3 Aug 2024 · 1 min read रूपाळी राजवण🙆 रूपाळी घणी राजवण, हिरणीं जैड़ा नैण। हरदम हिवड़ै बस रयी, सांची अेक'ज सैण।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · श्रृंगार के दोहे 1 42 Share