जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया Tag: विरह के दोहे 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 9 Aug 2024 · 1 min read प्रीतम तोड़ी प्रीतड़ी, कर परदेसा वास। प्रीतम तोड़ी प्रीतड़ी, कर परदेसा वास। बिलखत होगी बावळी, कुण बंधावै आस।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · विरह के दोहे 44 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 9 Aug 2024 · 1 min read याद सताय सायब ऊभी अेकली , हियौ हिलोरा खाय। ओळूं आवै आपरी, पल-पल याद सताय।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया...✍️ Rajasthani · विरह के दोहे 33 Share जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया 9 Aug 2024 · 1 min read पिवजी पिव परदेसा चालिया, हिवडौ़ हुयौ अधीर। विरह सतावै सायबा , कियां बताऊं पीर।। जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया....✍️ Rajasthani · विरह के दोहे 52 Share