Jayvind Singh Ngariya ji Tag: कविता 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Jayvind Singh Ngariya ji 12 Oct 2020 · 1 min read उदासीन ह्रदय ( उदासीन हृदय) कविता अजब हैं जो बोल गया, हृदय हमारा ढोल गया,| साँसे हमारी अटक गयी, आज काल को घोल गया,| बुना गया था,वक्त हमारा, जिसे कोई बोल गया,|... Hindi · कविता 2 554 Share Jayvind Singh Ngariya ji 12 Oct 2020 · 1 min read मैरी प्यारी भावी मैरी प्यारी भावी सामने सबके जो टाँग खींचती हैं, उसके पास होने पर जो प्यार सींचती हैं,| जाना हो कहीं पर तो हाँथ खींचती हैं, नहीं जाऊं मैं तो बात... Hindi · कविता 1 266 Share Jayvind Singh Ngariya ji 12 Oct 2020 · 2 min read नयी जगह नयी पहचान कविता ( नयी जगह नयी पहचान) आज चुपके से मुझे वो अलवेली मिली थी, उसकी आँखों में नमी चेहरे पर माँसूमियत ढली थी,| समय के इस भँवर में वो ही... Hindi · कविता 1 259 Share