Jay prakash Jalaj 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Jay prakash Jalaj 18 Jun 2016 · 1 min read कुछ मुक्तक औक़ात में ज़्यादा,मगर क़ीमत में जो सस्ता होगा दिल में जाने का भी,आसान सा रस्ता होगा मुहब्बत देगा,बांटेगा,लुटाएगा यूँ भर-भर के वो जिसके क़ल्ब का,एहसास से रिश्ता होगा।जलज?? जब लगा,जैसा... Hindi · कविता 307 Share