जय श्री सैनी 'सायक' Tag: कविता 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid जय श्री सैनी 'सायक' 18 Jan 2022 · 1 min read ये कैसा मौसम आया ये कैसा मौसम आया , कैसी हवा चल रही दीये तो दीये सायक दिलों की लौ बुझ रही । नफरत के बीज पनप रहे सम्बन्धों की जड़ें हिल रहीं धर्म... Hindi · कविता 317 Share जय श्री सैनी 'सायक' 23 Oct 2020 · 1 min read नारी शक्ति सर्व शक्ति हे नारी तू सर्व शक्ति है ,तुझपे टिका इस धरा का बोझ । क्या क्या तू सहती आई ,फिर खड़ी सहने को बिन संकोच । बीबी बेटी बहन पड़ोसन बहु... Hindi · कविता 2 653 Share जय श्री सैनी 'सायक' 5 Sep 2020 · 1 min read शिक्षक आसान नही है, शिक्षक होना , आसान नही है ,शिक्षक होना । रूखे हालातों को पढ़कर करे उजाला खुद जलकर नया किरदार बनाने में पड़ता है खुद को खोना आसान... Hindi · कविता 3 379 Share जय श्री सैनी 'सायक' 3 Sep 2020 · 1 min read बाल पहेली बाल पहेली (1) एक जगह पर रहकर सब को रोशन करता हूँ , कोई नही मुझ तक पहुँचा मैं बहुत दूर रहता हूँ । (2) दिन - रात खुद चमक... Hindi · कविता · बाल कविता 4 4 435 Share जय श्री सैनी 'सायक' 4 Apr 2020 · 1 min read बाल गीत 'बाल गीत' आओ बच्चो तुम्हें सुनाएँ, आज एक कहानी। आओ बच्चों तुम्हें सुनाएँ, आज एक कहानी। सारी पृथ्वी घूम रही है, जिसपे है इतना पानी। हम सब भी है घूम... Hindi · कविता · बाल कविता 514 Share जय श्री सैनी 'सायक' 4 Apr 2020 · 1 min read बाल गीत बाल गीत अंश बटा हर। विद्यालय अपना घर। विषम भिन्न में अंश बड़ा, सम भिन्न में हर। विद्यालय को ऐसे सजाओ, जैसे सजाते घर। दो बटा तीन पानी, एक बटा... Hindi · कविता · बाल कविता 459 Share जय श्री सैनी 'सायक' 4 Apr 2020 · 1 min read संघर्ष से संघर्ष संघर्ष से संघर्ष रुको नहीं तुम जरी रखो ,संघर्ष से संघर्ष करना , बहुत निकट आ खड़े हुए हो ,अब चंद पग ही है चलना , थोडा धुंधल कुहासा है... Hindi · कविता 2 503 Share जय श्री सैनी 'सायक' 4 Apr 2020 · 1 min read बचपन बचपन पागल पागल एक हो गये ,मिलकर कर दिए पागलपन , दिल की बात है सायक फिर याद आ गया वो बचपन , साईकिल की वो रेश ,घंटियों की टनटना... Hindi · कविता 2 436 Share जय श्री सैनी 'सायक' 4 Apr 2020 · 1 min read माँ माँ जो लाखो कष्टों को सहती और खुश रहती है सहने को , जो गीले तल पर खुद सोयी तुझे सूखे पे लिटाया सोने को , जो केवल तुझसे ही... Hindi · कविता 2 400 Share जय श्री सैनी 'सायक' 4 Apr 2020 · 1 min read कलयुग का प्रकोप कलयुग का प्रकोप कलयुग तेरा ये क्या प्रकोप , बढ़ गया पाप ,बढ़ गया क्रोध , ममता विहीन ,ममता के स्रोत , बच्चियां गर्भ से हो रही लोप , जो... Hindi · कविता 2 295 Share जय श्री सैनी 'सायक' 3 Apr 2020 · 1 min read मजबूर मजदूर दरबार मे जिनके अरमान , औरों से थोड़े थे । सजा पा रहे वो ज्यादा , जो गुनहगार थोड़े थे । हालातों ने कुछ इस तरह इनका साथ निभाया ।... Hindi · कविता 280 Share