Ashutosh Vajpeyee 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read मोक्ष भी काव्य साधना न व्यर्थ है कभी सदैव जान ये मनुष्य को सदा मनुष्यता सिखाती हैI शारदा कृपा विशेष हो तभी मिले कवित्व छन्दसिद्धि देवतुल्य आज भी बनाती हैI दीन या... Hindi · कविता 428 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read पुण्यपताका ले के क्या कहीं पुष्प खिला पुण्यपताका ले के। कौन है आज मिला पुण्यपताका ले के।। आसुरी वृत्ति बढ़ी भोग बढ़ा है जैसे, गिर गया मित्र! क़िला पुण्यपताका ले के।। स्वार्थ है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 560 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read पुनीत लिखूं वर दो जगदम्ब कि लेखन में भर शक्ति व सत्य सुगीत लिखूं मन निर्भय होकर झूम सके अब वैर नहीं बस प्रीत लिखूं रसपूर्ण सुछंद सदैव रचूँ मन सिन्धु मथूं... Hindi · कविता 547 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read पिपासा न तृष्णा रही शेष ही आज कोई न है ब्रह्म को जानने की पिपासा नहीं चाहता मोक्ष को भी सुनो मैं नहीं बन्ध कोई लगा है भला सा नहीं चाहता... Hindi · कविता 1 637 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read तेज शास्त्र कहे रवि ने निज तेज उठाकर पावक में जब डाला। दीपक लौ घृत संग प्रदान करे हमको तब स्वस्थ उजाला। पूजन वन्दन हेतु प्रयुक्त हुआ कर धारण ये शुचि... Hindi · कविता 530 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read वन्दन है वन्दन है उस गर्भ का जहाँ रहा नौ मास। जननी का मुझको प्रभो! मात्र बना दो दास। मात्र बना दो दास, पिता की सेवा कर लूँ। पापार्जन को त्याग, पुण्य... Hindi · कुण्डलिया 518 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read महेश भी देखते ही देखते ये जीवन बदल गया, और बदला है मम राष्ट्र परिवेश भीI कोई चीर से विहीन करता सरस्वती को, कोई खींचने लगा है जननी के केश भीI आँधियाँ... Hindi · कविता 621 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read आ गये नारिकेल और मृदु नीम के सहस्त्रों वृक्ष देखे तो ये दृश्य मेरे चित्त में समा गये। मन्दिरों का वास्तु यमदिशा में अलौकिक है ग्राम मी वहाँ के मेरे मन को... Hindi · कविता 389 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read हम तुम्हे पूजते ही रहेंगेI हम तुम्हे पूजते ही रहेंगेI भक्ति की भावना को गहेंगेI विश्व में चोर मक्कार तो क्या? गंग के नीर सा हम बहेंगेI तन्त्र कोई रहे शासकों का, विश्वसत्ता तुम्हारी कहेंगेI... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 254 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read कला और ज्ञान के पत्रक प्रसन्न ललचायी लेखनी को देख, फैलायी है काया चौकी पर शैय्या मान के। आयी है प्रिया सजाने मुझे मसि द्वारा आज, अद्भुत मैं क्षण पाया प्रेम रसपान के। दिव्य... Hindi · कविता 404 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read इन्द्र मेघ भेज दो बड़ा प्रचण्ड ताप अंश में इसे न माप दीन का हुआ विलाप क्योंकि देह थी जली हुई न पुष्प ही खिला न वृक्षपत्र ही हिला न काल में दया दिखी... Hindi · कविता 534 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read मान भी मिलने लगा चाटुकारों से विलक्षण ज्ञान भी मिलने लगा वोट के हित द्रोहियों को ध्यान भी मिलने लगा क्या कहूँ, सम्वेदना की मृत्यु होती देख के आज साहित्यिक गधों को मान भी... Hindi · कविता 300 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read ब्रह्म से बड़ा वेदप्रोक्त काव्य शिल्प साधना सदैव मान शारदा कृपा निमित्त शब्द का श्रृंगार है। जो करे विलोम साधना उसे अशुद्ध जान आसुरी प्रवृत्ति से गया सदैव हार है। छन्दबद्ध सर्जना महान... Hindi · कविता 705 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read मनुष्यता नहीँ गयी सूर्य अस्त की दिशा अतीव भा रही परन्तु ध्यान दो विवेक नष्ट, रुग्णता नहीं गयी। दिव्य शक्तियाँ विलुप्त भोग ही प्रधान रंग खोज रुद्ध किन्तु वो अनन्तता नहीं गयी। अर्थ... Hindi · कविता 262 Share Ashutosh Vajpeyee 17 Jun 2016 · 1 min read कविता शुभ प्रेरक तत्त्व समाहित हों जिसमे कुछ अर्थ महान दिखेI अति सीमित शब्द असीमित भाव लिए गणबद्ध विधान दिखेI गुणगौरव हो जिसमे प्रभु का शुचि मानवता हित ज्ञान दिखेI कविता... Hindi · कविता 490 Share