Jai Prakash Srivastav Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Jai Prakash Srivastav 27 May 2024 · 1 min read कुछ अभी शेष है प्रतीक्षारत हैं कुछ सांसें, कुछ सपने जीवित हैं। यद्यपि हार गये हैं हम, पर जीत की इच्छा, कुछ अन्तर्मन में जीवित हैं।। थे कुछ सपने कल के, कुछ आज के... Hindi · कविता 73 Share