आशीष गुर्जर पटेल 74 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid आशीष गुर्जर पटेल 15 Oct 2022 · 1 min read मोहब्बत की समझदारी अब नहीं मिलना तुझ में मिट्टी मैं पानी की तरह तुम जो आजकल समझदार बन बैठे हो नहीं लगता मुझे बुरा तुम्हारी बातों का तुम जो मेरी बातें मुझ पर... Hindi 360 Share आशीष गुर्जर पटेल 15 Oct 2022 · 1 min read आखरी यादें बिता दिया वक्त उसके लिए मैंने भुला दिया हर शख्स उसके लिए मैंने, ठहरे आज भी हैं उसकी महफिल की खातिर, किए हैं कई दान उसके लिए मैंने, उसकी सौतन... Hindi 455 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Oct 2022 · 1 min read श्रद्धा दे बचन सूरज को निकलते देखा है तारो को चमकते देखा है , तुम बैठे रहो उजाले मैं मैंने हर शाम को ढालते देखा है भगवान के मंदिर में मैंने घंटे को... Hindi 312 Share आशीष गुर्जर पटेल 9 Oct 2022 · 1 min read प्यार कभी खत्म नहीं होता उसने हाथ जो पकड़ा एक दफा यारों छूकर उसने मुझे जिंदा कर दिया♥ लेखक आशीष गुर्जर Hindi 576 Share आशीष गुर्जर पटेल 23 Jan 2021 · 1 min read "धुआं "लोग किसी का दोस्त होना भी इल्जाम होता है , कोई समझे तुमको गलत (बुरा) हाल होता है, कोई तोड़ दे वर्षों की दोस्ती तो समझो.आंखो मैं चुभने बाले धुएं को... Hindi · लेख 734 Share आशीष गुर्जर पटेल 17 Sep 2020 · 1 min read जख्म दर्द सीने में समा बनके पलने लगे है आंखो मैं आशु अश्क के झरने लगे है जख्म पर मरहम लगाने से क्या फायदा , क्योंकि मुझसे अपने ही आजकल जलने... Hindi · मुक्तक 1 609 Share आशीष गुर्जर पटेल 16 Apr 2020 · 1 min read चारों धाम तेरी यादों को मेरी मां मैं अपना काम लिखता हूं मेरे हृदय के हर पन्ने पर तेरा ही नाम लिखता हूं मेरे लहजे कि छेनी में गढ़े है सिपु के... Hindi · कविता 1 1 551 Share आशीष गुर्जर पटेल 27 Mar 2020 · 1 min read क़तील हवा बेवजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है मौत से आंख मिलाने की ज़रूरत क्या है सबको मालूम है बाहर की हवा क़ातिल है यूँ ही क़ातिल से उलझने की... Hindi · कविता 718 Share आशीष गुर्जर पटेल 27 Mar 2020 · 1 min read भारत वासी की आवाज वहीं पुराने किस्से दुहराना चाहता हूं फिर से गिर कर उठना चाहता हूं जो मज़ा था पहले मेरे देश में में वही इतिहास दोहराना चाहता हूं में अपने देश (... Hindi · कविता 2 1 766 Share आशीष गुर्जर पटेल 16 Mar 2020 · 1 min read काफी है रुको मैं बताता हूं एक कहानी वो रात थी बड़ी सुहानी हवाओं की थी सनसनी सारी चारों ओर अंधेरा था तू जिसको छोड़कर गई वह दिल मेरा था यह तो... Hindi · लेख 1 693 Share आशीष गुर्जर पटेल 11 Mar 2020 · 1 min read प्रणाम रूबरू होने का मौका नहीं मिला इसलिए शब्दों से नमन कर रहा हूं प्रत्येक व्यक्ति कहीं ना कहीं मुझसे श्रेष्ठ है अतः सभी श्रेष्ठ व्यक्तियों को अपने हृदय की गहराइयों... Hindi · लेख 1 2 408 Share आशीष गुर्जर पटेल 5 Mar 2020 · 1 min read ज़माना जैसा सुना और जैसा पढ़ा बेसा ही है ज़माना लोग चाशनी में डुबोकर बात करते है यहां Hindi · लेख 2 393 Share आशीष गुर्जर पटेल 29 Feb 2020 · 1 min read है कुछ यादे आज भी शायद अब वो मुझे पहचान ना सके दर्द दिल का वो मेरा ,ना जान सके अल्फाज़ ऎ मोहब्बत, ना बयां कर सकूं ना रो सकू ना केह सकू मोहब्बत की... Hindi · कविता 2 1 594 Share आशीष गुर्जर पटेल 29 Feb 2020 · 1 min read जन्म दिन मुबारक हो ज़र्रे ज़र्रे में शमाई है सनम की बो अदाएं जन्म दिन मुबारक हो, दी थी कुछ दुआए खामोशियां बेरुखी से सीखा "शिवी" मैने जिन्दगी में भरा बिष भी पिया था... Hindi · कविता 2 450 Share आशीष गुर्जर पटेल 25 Feb 2020 · 1 min read सायरी रुखसत हुआ था इस कदर, जुल्फ घटा हटी जैसे कुछ हुआ था इस कदर , मिटा दो लफ्ज़ अल्फ़ाज़ मोहब्बत के नहीं करनी हमें मोहहब्त इन बेवफाओं से । Hindi · लेख 1 383 Share आशीष गुर्जर पटेल 23 Feb 2020 · 1 min read दो शब्द एक गीत में कुछ पहले जैसा हो गया हूं बदलने कि कोशिश भी की पर अब लगता है कुछ ठहर सा गया हूं मुझे पता नहीं क्या हुआ था मुझे लगता है... Hindi · लेख 2 2 518 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Feb 2020 · 1 min read देश भक्ति कविता भिगो कर खून में बर्दी, बो निशानी दे गए हमको मोहब्बत मुल्क से सच्चाई की कहानी दे गए हमको वो थे अमर बलिदानी , जिनके रक्त से भीगा है देश... Hindi · कविता 2 660 Share आशीष गुर्जर पटेल 8 Feb 2020 · 1 min read '"धूल'" मिट्टी में धूल का होना भी जरूरी है वरना खूबसूरत चीजों को बैरंग करेगी कैसे Hindi · लेख 2 338 Share आशीष गुर्जर पटेल 6 Feb 2020 · 1 min read हालात ऎ मौसम इन हालातो को दोष क्यों दे हम हालातो को बदलने में देर नहीं लगती साहेब रही मुस्कान की बात ऎ जाने दिल मुस्कुराना तो तुम ही से सीखा है ।... Hindi · लेख 1 379 Share आशीष गुर्जर पटेल 4 Feb 2020 · 1 min read पुरवा की हरियाली तीज शकुन्त की चहक से ओतप्रोत पुरवा की हरियाली तीज मृण की महक से ओतप्रोत पुरवा की हरियाली तीज शस्य की हरियाली से सुरभित पुरवा की हरियाली तीज पुरवा के लोगों... Hindi · कविता 2 2 407 Share आशीष गुर्जर पटेल 19 Jan 2020 · 2 min read "कितना बदल गया इंसान" एक हसीन लडकी राजा के दरबार में डांस कर रही थी... ( राजा बहुत बदसुरत था ) लडकी ने राजा से एक सवाल की इजाजत मांगी . राजा ने कहा... Hindi · कहानी 2 2 838 Share आशीष गुर्जर पटेल 19 Jan 2020 · 1 min read "हौसला बुलंद" कमजोर ना बना इस तरह जिंदगी को ये जाने दिल जल्द आयेगा खुशी का पल चलो हम मुस्कुराहट से शुरुआत करते है Hindi · लेख 2 2 446 Share आशीष गुर्जर पटेल 18 Jan 2020 · 1 min read "शिवी कलश" स्याही ना देखो इस कलम सी धार की कोरे है पन्ने सारे लिखती बारीक सी सहजन तुम लेखनी ऎशे "विशाल" की कलम की तुम नोक हो तुम छत्रसाल सी जीवनी... Hindi · कविता 1 430 Share आशीष गुर्जर पटेल 16 Jan 2020 · 1 min read "बचपन से सीख" कभी खो जाता हूं अपने बचपन की यादों में इस कदर मालूम पड़ता है सपना था वह मेरा अब नींद से जागा हूं बड़ी रुखसत के बाद । कुछ अजीब... Hindi · लेख 1 529 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read "हुनर है मुस्कुराना" कुछ पल की खुशी तो कुछ पल का गम कुछ पल है भले ही साथ हम जिंदगी इसी का नाम है ना कर कभी आंखे नम मुस्कुराने की वजह कभी... Hindi · कविता 1 529 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read "बच्ची सी बात" लोग खामोशी को अपना आशियाना समझ बैठे है तकदीर तो उसने लिखी , और मिटा दी मुझे पता नहीं लोग "बच्ची सी बात" को क्यों गले से लगाकर बैठे हैं... Hindi · लेख 1 599 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read "कुछ पल मुमकिन नहीं" अहम लालच को जरा सा छोड़कर के चलिए हर इंसान अच्छा लगेगा जरा मुस्कुरा के चलिए कुछ लोगों का साथ चलना मुमकिन नही पता है थमा है हाथ तो जरा... Hindi · लेख 1 368 Share आशीष गुर्जर पटेल 14 Jan 2020 · 1 min read पिता वो मुझे पोधा समझकर पालना याद आता है वो खेतों मै तुम्हारा काम करना याद आता है वो कंधे पे बिठा मेला घूमना याद आता है मेरे बचपन का हर... Hindi · कविता 3 4 429 Share आशीष गुर्जर पटेल 11 Jan 2020 · 1 min read आशु की शिवी तू दिल का कारण बनी रहे तुहि कुम कुम बनी रहे तुमहि ऒश ,जाम पिला रही तुहि लाल समुंदर बनी रहे तू हमेशा खुश रहती रहे तू झोको सा लगती... Hindi · कविता 2 562 Share आशीष गुर्जर पटेल 11 Jan 2020 · 1 min read कल किसने देखा कभी मतलब से मतलब कि तरफ नहीं देखा कभी जिंदगी को जिंदगी की तरह नहीं देखा मुझे पता है लोग मतलबी है कभी विष को "शिवी,"अमृत सा नहीं देखा Hindi · कविता 1 2 780 Share Page 1 Next