Sona Bharti 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Sona Bharti 21 Aug 2019 · 1 min read तुम्हे ढूंढती है निगाहेँ वही मुस्कान वही प्यार उसी बेचैनियों के नजारे उसी सरक से गुजरकर उसी घाट के किनारे कही दूर झीलसि तुम्हे ढूंढती है निगाहेँ सूनेपन के कोने की सारी खिड़कियां खोल... Hindi · कविता 3 447 Share