Deep Shikha Bhardwaj 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Deep Shikha Bhardwaj 22 Nov 2018 · 1 min read माँ,तुम कहाँ हो जाड़ों की अलस्सुबह में आँगन में उतरती धूप में माँ तुम हो गर्मियों की चुभन में चलती ठंडी पुरवाई में माँ तुम हो बरखा की पहली बूंदों में आती मिट्टी... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 3 26 534 Share