himanshu mittra Language: Hindi 19 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid himanshu mittra 19 May 2024 · 1 min read हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले हम किसी भी फैसले तक नही पहुँचे । क्योंकि तुम भी तब्सिरे तक नही पहुचे । हम किसे के हिज्र में खुदकुशी कर ले । हम अभी उस हौसले तक... Hindi · Himanshu Mittra 80 Share himanshu mittra 28 Oct 2022 · 1 min read ग़ज़ल दस्ते तलब कोई सहारा है कहाँ? अब इस जहा कोई हमारा है कहाँ? ख़ुद को पराया कर चुके ऐ बुलहवस अब तो बता दे घर तुम्हारा है कहाँ? लगता है... Hindi 1 103 Share himanshu mittra 28 Oct 2022 · 1 min read ग़ज़ल शाम-ए-मंजिल से आगे अब किधर जाना चाहता हूँ ? मैं यहा जिंदा रहना या गुजर जाना चाहता है सिर्फ दस्ते तमाशा है इश्क मेरे खातिर ये थक गया हूँ मैं... Hindi 1 158 Share himanshu mittra 28 Oct 2022 · 1 min read ग़ज़ल बेसबब ये अंधेरे जल क्यों रहे हैं। शहर दोज़ख़ उजाले जल क्यों रहे हैं। हमने तो कोई तरक़्क़ी हासिल नहीं की। हमसे सारे के सारे जल क्यों रहे हैं। हर... Hindi · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · कविता · गज़ल 120 Share himanshu mittra 28 Oct 2022 · 1 min read ग़ज़ल हम किसी भी फैसले तक नही पहुँचे क्योंकि तुम भी तब्सिरे तक नही पहुचे फिर तड़प के मर गयी खामुशी साहब हम मगर उस हादसे तक नही पहुचे फिर किसे... Hindi · Ghazal · Hindi Poetry · कविता 1 143 Share himanshu mittra 17 Apr 2020 · 1 min read भूलने लगता हूँ उसे.. वहशत में आकर मैं जाने क्या क्या कर लेता हूँ भूलने लगता हूँ उसे तो जख्म हरा कर लेता हूँ Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 303 Share himanshu mittra 8 Nov 2017 · 1 min read दिखा दो सवेरा हे ईश्वर ये किस जगह पर हूँ मैं मैं स्वयं को ही खोज नही पाता मद्धिम मद्धिम है ये सांसे अब तो स्वयं मैं कुछ भी सोच नही पाता उसकी... Hindi · कविता 569 Share himanshu mittra 8 Nov 2017 · 1 min read वफ़ा लिपट कर थी रात भर रोई कही गुम है शदा इसकी खबर क्या। जब हमारे हर दफा अब सबर क्या।। मका भी फुर्सत से लूटा गया था। लुट गया सब रखे भी तो नजर क्या।। वफ़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 323 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read जन्मदिन ये जन्मदिन है विस्तृत, कोई संकुचित नही, मन में जिसके कोई दुःख फिर भी दया व प्यार बिखेरता वो सर्वव्यापी उद्धारकर्ता हुआ था जन्म जिसका आज अमन-शांति की सीख देकर... Hindi · कविता 418 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read वक़्त मिले तो आ जाना वक़्त मिले तो आ जाना वक़्त मिले तो आ जाना कैसी बेबसी है तेरे बिन रह तो रहा हु पर रह नही पता नींद तो आती है पर सो नही पता इस उंलझन को सुलझा जाना वक़्त मिले तो आ... Hindi · कविता 272 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read तू मुझको याद न करना दूर चला जाऊँगा लौट के ना आऊँगा कोई आवाज ना करना तू मुझको याद ना करना तुझको ना बुलाऊँगा खुद भी ना आऊँगा कोई फरियाद ना करना तू मुझको याद... Hindi · कविता 485 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read भूल कप-कपाते हुए होठों की एक फरियाद जिसकी वजह से आज सन्नाटे से भरी बस्ती मै जो हम खड़े है अकेले वो भूल आज भी याद है लहज़ा जरा बुरा था... Hindi · कविता 522 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read अधूरी कविता उसके कदमों पे गिर जाता इतना भी मै मज़बूर न था चाहता था बहुत उसे पर मेरे दिल को ये मंज़ूर ना था वफ़ा के बदले मिलती वफ़ा यह ज़माने... Hindi · कविता 1 1 761 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read चार लाइनें ढल गया दिन अब शाम हो गई है हसरते सब नाकाम हो गई है गुज़ार दी जिंदगी यूहीं हमने ख़ास थी जो अब आम हो गई है यादो की रुसवाई... Hindi · मुक्तक 236 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read कोशिश निश्चित ही वो समय आ गया है जब तुमको भुलाना पड़ेगा साथ ही हर कल्पना परिकल्पना को मिटाना पड़ेगा कुछ अभिलाषाएं भी मिटा जायेगी परन्तु मै तो अज्ञानी था मुझे... Hindi · कविता 241 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read चाँद शांत टकटकी लगाये देखता है शायद मेरे हालात पर हँसता है ऐ मेरी खिडकी के चाँद सुनो पल भर ठहरो अपना कुछ हाल सुनाता हूं देखो मेरे इन ख्वाबो को... Hindi · कविता 589 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read धड़कन खुद की धड़कन नही सुन पाता हु अब सीने में धड़कता ही नही ह्रदय तो कही और है खुद को आइने के सामने रख कर उसको ढूढता हूँ अगले ही... Hindi · कविता 241 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read बेख़बर नही बदलने वाला ये दृश्य मित्रा यदि तू यों घर पर ही बैठा रहेगा । लूट रहे है जिहादी इस देश को फिर भी तू यों ही बेखबर रहेगा ।।... Hindi · कविता 1 230 Share himanshu mittra 26 May 2017 · 1 min read प्रश्नोत्तर प्रश्नोत्तर ( काल्पनिक ) उसी बूढ़े बरगद पर मेरा नाम पुनः लिख सकते हो? नही क्यों ? लिख नही पाओगे ? मिटा नही पाऊँगा अच्छा अब भी उस कमरे में... Hindi · कविता 622 Share