Vishnu Prasad 'panchotiya' Tag: गीत 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Vishnu Prasad 'panchotiya' 8 Jun 2023 · 1 min read यह कौन सा विधान हैं? सुन रही वसुंधरा सुन रहा है गगन सुमधुर गीत आज गुनगुना रही पवन। प्रभात सूर्य तेज लिए पूर्व मुस्कुरा रहा लाल ताम्र रंग की रश्मियाँ लुटा रहा। कली-कली खिल उठी... Poetry Writing Challenge · गीत · गीतिका 435 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 30 May 2023 · 1 min read मैं राम का दीवाना मैं राम का दीवाना राम राम जपता हूंँ अपने हृदय में छवि श्रीराम की रखता हूँ। तुम हो मेरे आराध्य मेरे रामजी हो तुम हो दिनों के नाथ दीनानाथ जी... Poetry Writing Challenge · गीत · गीतिका 1 603 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 22 May 2023 · 1 min read बरसो रे मेघ (कजरी गीत) प्यासी धरती की तृष्णा मिटाओ रे मेघ। आज गरजो नहीं तुम बरसो रे मेघ। कब से राहें तुम्हारी अपलक देख रही ग्रीष्म भर तपती जेष्ठ भर जलती प्यासी अवनी की... Poetry Writing Challenge · गीत 1 429 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 20 May 2023 · 1 min read शरद निशा आज शरद निशा की चांदनी की छटा निराली है। धरती की सुंदरता हृदय को भाने वाली है। स्वच्छ – निर्मल नभ मंडल में, तारे उज्जवल चमक रहे हैं झिलमिल करते... Poetry Writing Challenge · गीत 318 Share Vishnu Prasad 'panchotiya' 26 May 2022 · 1 min read यह कौन सा विधान है सुन रही वसुंधरा सुन रहा है गगन सुमधुर गीत आज गुनगुना रही पवन। प्रभात सूर्य तेज लिए पूर्व मुस्कुरा रहा लाल ताम्र रंग की रश्मियाँ लुटा रहा। कली-कली खिल उठी... Hindi · गीत 2 2 876 Share