Harshvardhan Bhardwaj Tag: ग़ज़ल/गीतिका 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Harshvardhan Bhardwaj 24 Jul 2017 · 1 min read शाम आखिरी हो | मत रूठा करो मुझसे यूं तुम क्या पता मेरे होठों पे ये तुम्हारा नाम आखिरी हो | यूं तो हजारों लोग मिलते हैं मील के पत्थरों की तरह क्या पता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 572 Share Harshvardhan Bhardwaj 25 Apr 2017 · 1 min read तुम हो क़ज़ा भी तुम हो हयात भी तुम हो डायरी के पन्नों पर उतरे लफ्ज़ भी तुम | सर्द मे खिड़की से आती मीठी धुप सी तुम खलिहानो मे आयी नयी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 425 Share