Ravi Ranjan Goswami Tag: मुक्तक 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravi Ranjan Goswami 11 Jun 2017 · 1 min read अशीर्षक कुछ मेरे पास हो जो दे सकूँ मैं , अना कम हो तो कुछ ले सकूँ मैं । मुहब्बत के दावे बढ़चढ़ के न कर कर सकता है तो सिर्फ... Hindi · मुक्तक 250 Share Ravi Ranjan Goswami 15 Mar 2017 · 1 min read परिंदा अभी दिन है तो,रात भी जरूर आयेगी । चाँद तारों से, मुलाक़ात भी हो जाएगी । फिर आसमानी चादर का वहम टूटेगा । परिंदा फिर अपने घर वापस लौटेगा । Hindi · मुक्तक 499 Share Ravi Ranjan Goswami 20 Sep 2016 · 1 min read पीठ पर वार बहादुर दुश्मन हो तो पीठ न दिखाओ कायरता होगी । कायर दुश्मन हो तो पीठ न दिखाओ बेवकूफी होगी । गले दुश्मन से मिल वो ज्यों ही पलटा था आदतन... Hindi · मुक्तक 295 Share Ravi Ranjan Goswami 13 Sep 2016 · 1 min read विडम्बना मैं साँस ले रहा हूँ , सूंघ रहा हूँ निर्वात l कड़ी धूप में देख रहा हूँ अंधकार , समुन्दर की तलहटी में सूखा पड़ा है भेड़ियों का दल मंथन... Hindi · मुक्तक 511 Share Ravi Ranjan Goswami 2 Sep 2016 · 1 min read खफा दुश्मनों की बात मत पूंछों , दोस्त भी बर्दाश्त नहीं होते । न जाने क्या हो गया मुझको ! खुद से बहुत खफा हूँ मैं । ला देता वक्त से... Hindi · मुक्तक 731 Share