Godambari Negi Tag: गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Godambari Negi 26 Feb 2024 · 1 min read प्रभात वर्णन देख सूरज लालिमा को, रात उठकर के चली। अब यहाँ क्या काम मेरा , सोचकर आँखें मली।। व्योम में फैला उजाला, खिल रही है हर दिशा। आँख फाड़े देखती है,... Hindi · गीतिका 1 228 Share Godambari Negi 3 Feb 2024 · 1 min read 'मुट्ठीभर रेत' चमकता चाँदी सा बालू का खेत। भर लाऊँ मैं बस मुट्ठीभर रेत।। नदिया का सुंदर सा किनारा। प्रकृति का अद्भुत इक नजारा।। मचलता है मन होकर बैचेन। ये ईश्वर की... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 55 Share Godambari Negi 1 Feb 2024 · 1 min read 'प्रभात वर्णन' देख सूरज लालिमा को, रात उठकर के चली। अब यहाँ क्या काम मेरा , सोचकर आँखें मली।। व्योम में फैला उजाला, खिल रही है हर दिशा। आँख फाड़े देखती है,... Poetry Writing Challenge-2 · गीतिका 99 Share