कवि अनिल कुमार पँचोली Tag: ग़ज़ल/गीतिका 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 2 min read खेल और यौन शोषण : विकृत मानसिकता दरिंदगी का आलम देखो, खेल और यौन शोषण में छिपे रंज देखो। खेल की लड़ाई में बह जाते हैं खून, यौन शोषण के घाव देखो, न रास्ता, न सुन। क्रीड़ा... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 278 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 1 min read तन्हाई के बसेरे में बह रहा है तन्हाई के बसेरे में बह रहा है, यादों का आलम गहरा उतर रहा है। दिल की तरंगों में अब बहक जाएँ, एक गुनगुनाहट सुनहरी मधुर उठ रही है। आहटें एक... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 2 198 Share कवि अनिल कुमार पँचोली 13 Jun 2023 · 1 min read ख़ामोशी ज़मीं की तरह थी वो मेरी आँखें, उम्मीदों से भरी हर एक बातें। पर वक्त की चालनी ने ले ली जुदाई, छूट गई है अब वो प्यारी रातें। दिल का... Poetry Writing Challenge · ग़ज़ल/गीतिका 1 373 Share