Durga Vast 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Durga Vast 16 Feb 2022 · 1 min read दिल मुझे राहत दे दिल मेंरे मुझे थोरा राहत दे मै टुट गया मुझे थोरा मोहल्लत दे कया कुसूर था मेरा मेरे महबूब से पुछने का मौका दे Hindi · शेर 289 Share Durga Vast 28 Jan 2022 · 1 min read ऐ मेरे खुदाया तुने कयुँ इतना भेद बनाया ऐ मेरे खुदाया तुने कयुँ इतना भेद बनाया किसी को इतनी खुशी देदी. तो किसी पर इतना गम बरसाया . किसी को रात दिन तरक्की देदी. तो किसी को दो... Hindi · कविता 258 Share Durga Vast 26 Jan 2022 · 1 min read धीरे धीरे बदलने लगी हुॅं धीरे धीरे बदलने लगी हुॅं कुछ यूँ तेरे रंग में रंगने हुॅं अब ये कहना गलत नहीं होगा कि तुझसे प्यार करने लगी हुॅं Hindi · शेर 2 342 Share Durga Vast 21 Jan 2022 · 1 min read अगर जिंदगी होती अगर जींदगी होती तो कुछ यूँ होती तु होता तेरी यादें होती ना बेवफाई का आलम होता ना जालिम ये दुनियाँ होती अगर जिंदगी होती तो कुछ यूँ होती तु... Hindi · कविता 1 474 Share Durga Vast 20 Jan 2022 · 1 min read कया खुब दुनिया थी मेरी कया खुब दुनिया थी मेरी तू था तेरी यादें थी मेरी सपनो कि डोली ऑंखों में सजवाया था मेरे दुल्हन कुछ यूँ बनाया था तुने तेरे नाम कि मेहंदी लगवाया... Hindi · कविता 400 Share Durga Vast 14 Jan 2022 · 1 min read लाखो कि भीड़ कयुँ लाखों के भीड़ में भी अपने आप को अकेला पाती हुॅं कयुँ अपने मन की उलझनें नहीं बतला पती हुॅं किस कुसूर कि सजा है ये जिंदगी कयुँ चाह... Hindi · कविता 246 Share Durga Vast 22 Mar 2021 · 1 min read वह दौर कितना पुराना था वह दौर कितना पुराना था. जब लगता सब सुहाना था. वह पेड़ों पर बच्चों का चढ़ना. वह गलियों में बच्चों का खेलना. ना मोबाइल कि फिकर थी. ना उसकी कोई... Hindi · कविता 569 Share Durga Vast 19 Mar 2021 · 1 min read कल का सबक कल का सबक आता है. जो मनुष्य बोता है वही पाता है. एक वक्त का राजा रंक बन जाता है. कल का सबक आता है. जो मनुष्य बोता है वही... Hindi · कविता 523 Share Durga Vast 17 Mar 2021 · 1 min read सुकून कि खोज सुकून कि खोज में इसान दर दर भटकता जाए. कभी अपना गम सुनाएँ. कभी रोए कभी बेहद मुस्कुराए. सुकून कि खोज में इसान दर दर भटकता जाए. कभी छोटी सी... Hindi · कविता 1 526 Share Durga Vast 13 Mar 2021 · 1 min read दिखावा को पहचान बतलाया है यह देखो कैसा दौर आया है। दिखावा को लोगों ने अपना पहचान बतलाया है। कयूँ लोग ने अपना अस्तित्व मिटाया है। दिखावा को देखो कैसे लोग ने बढ़ाया है यह... Hindi · कविता 2 378 Share Durga Vast 10 Mar 2021 · 1 min read ऐय जिदंगी आहिस्ता चल ऐय जिदंगी थोरा आहिस्ता चल . मैं थक गया हूँ. थोरा आहिस्ता चल. बहुत गम दिये है तुने. उसे थोरा कम कर. ऐय जिदंगी आहिस्ता चल. कितनी दौड़ है तुझमें... Hindi · कविता 388 Share Durga Vast 6 Mar 2021 · 1 min read इस गम कि दुनिया में हम खुशी ढुढने चले है. इस गम की दुनिया में हम खुशी ढुढने चले है. अपने दामन में उस खुशी की मोती भरने चले है. ऑंखों मे कुछ सपने यू पडे़ है . उन सपनो... Hindi · कविता 265 Share Durga Vast 22 Feb 2021 · 1 min read औरत कि जिदंगी कि डोर कई लरिया से बंधी मेरी जिदंगी कि डोर थी. ख्वाब में सजी उम्मीद कुछ ओर थी रिश्तों में बंधी मेरी जिंदगी की एक अलग ही छोर थी. कई लरियो में... Hindi · कविता 535 Share Durga Vast 17 Feb 2021 · 1 min read बीत रही है जिदंगी आहिस्ता आहिस्ता बीत रही है जिदंगी आहिस्ता आहिस्ता. बदल रहे है लोग आहिस्ता आहिस्ता. छुट रही है शाहिल आहिस्ता आहिस्ता. ख्वाब बुन रही है ऑंखें आहिस्ता आहिस्ता. उम्मीद लाग रहे हैं जीदगीं... Hindi · कविता 370 Share Durga Vast 9 Feb 2021 · 1 min read यह कैसी दौड़ है जिदंगी यह कैसी है दौड़ जिदंगी . यह कैसी है रुप जिदंगी . कभी धुप है जिदंगी . तो कभी छाव है जिदंगी कभी ऑंखों कि ऑंसु है जिदंगी. कभी होठो... Hindi · कविता 1 4 303 Share Durga Vast 25 Jan 2021 · 1 min read दहेज़ प्रथा हाय यह कैसी प्रथा है आई. ना जाने कितने घर को है जलाई. ना जाने कितने माँ कि गोद है मिटाई. हाय यह कैसी प्रथा है आई. रूप इसका करूप... Hindi · कविता 1 297 Share