Himshweta Dubey 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid Himshweta Dubey 1 Nov 2018 · 1 min read माँ मानती हूँ। कभी गुस्सा तुझपर निकालती हूँ। अपनी मन की भड़ास भी तुझपर ही निकालती हूँ। पर माँ, बस एक तू ही तो है, जिसके साथ मैं हर चीज़ बाँटना... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 40 711 Share