डॉ० रोहित कौशिक Tag: Badal Par Kavita 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ० रोहित कौशिक 27 Jan 2024 · 1 min read चली ⛈️सावन की डोर➰ बादल गरजा, मिजाज, मौसम का बदला, बदलाव दिखे हर ओर, चली सावन की डोर। दादूर-टर्टराहट, बगुले बहुतायत, आस-पास, जलाशय-किनारे का शोर, सरर •••• समीर, कुसुमरस घोल, चली सावन की डोर।... Poetry Writing Challenge-2 · Badal Par Kavita · कविता · नये साल की पहली बारिश · मन का मौसम · सुन-ओ-बारिश 1 115 Share