D.R. RAJAK 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid D.R. RAJAK 3 Nov 2021 · 11 min read उत्सव माही हर्ष भरी दृष्टि सारे आगंतुकों पर डाल रही थी। पास खड़ा उत्सव भी आगंतुकों का आभार जताते मुस्कुरा देता। जाते हुए गरीब मेहमानों को भेंट स्वरूप वस्त्र देकर माही... उत्सव - कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 3 703 Share D.R. RAJAK 23 Oct 2021 · 7 min read डोली कमला को लगा वह आकाश से धरती पर आ गिरी हो गाड़ी रुकते ही अपनी विधवा मां के साथ उतर जाना पड़ा। चौकन्ना दृष्टि डाली, देहात था। उसे जिंदगी भर... Hindi · कहानी 4 1 359 Share D.R. RAJAK 17 Oct 2021 · 8 min read नई सुबह आदमी न तो अपने आप में छोटा होता और न ही बड़ा होता है I समय ही आदमी को छोटा बड़ा बना देता है I सुधीर की मां समझाती कह... Hindi · कहानी 3 2 473 Share D.R. RAJAK 10 Oct 2021 · 9 min read बंटी बंटी की हालत कुछ ज्यादा ही खराब हो चुकी थी। आर्थिक तंगी ने इतना जकड़ लिया था कि दवा दारू को दूर, दो जून के राशन पानी के फांके पड़... Hindi · कहानी 4 1 485 Share D.R. RAJAK 9 Oct 2021 · 11 min read बदनाम माँ आपका जैसा निर्णय है शकुन ! पर शकुन की समझ में कुछ न आ रहा था - ‘‘जानती हो इसका परिणाम? सर ! मैं जो कह रही, सोच विचार कर... Hindi · कहानी 3 2 1k Share