Dr. Meena Kaushal Tag: कुण्डलिया 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dr. Meena Kaushal 15 Jun 2023 · 1 min read तुलसी तुलसी की परिकल्पना, रामचरित यशगान। सुरभित पुष्प पराग इव,भक्त करें मधुपान।। भक्त करें मधुपान, सदा अन्तस हरषाई। कृपा करें हनुमान,सिया सँग श्री रघुराई।। धन्य आत्माराम, तात अरु माता हुलसी। जायो... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 225 Share Dr. Meena Kaushal 15 Jun 2023 · 1 min read गिरधर गोपाल श्री गिरधर गोपाल हैं,मेरे एक अधार। सुमिरन से करते सदा,नैया भव से पार।। नैया भव से पार,कर्म का योग सिखाते। गीता के सद्भाव, मन्त्र चिन्तन का गाते।। मोहक मुरली तान,सुनाते... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 236 Share Dr. Meena Kaushal 15 Jun 2023 · 1 min read स्वर लहरी लहरी हो स्वर छन्द की,भाव करे गुंजार। मनःसुमन की वेदना,मुखरित करे प्रसार।। मुखरित करे प्रसार, स्वतः हो जाये गायन। मधुमय काव्य स्वरूप, नवलरसमय करुणायन।। भरे सदा उत्साह, रहें सीमा पर... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 360 Share Dr. Meena Kaushal 15 Jun 2023 · 1 min read नहीं रोके से रुकते रोके से रुकते नहीं,अकथ कर्म फल मूल। मिलते सबको कर्मफल, इसे कभी मत भूल।। इसे कभी मत भूल,हमेशा कर्म करो सत। जिससे हों सन्तुष्ट, देवता सबका अभिमत।। करते सच्चे कर्म,शीश... Poetry Writing Challenge · कुण्डलिया 84 Share