डॉकृष्णकुमार बेदिल Language: Hindi 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉकृष्णकुमार बेदिल 15 Nov 2017 · 1 min read ग़ज़ल बदल रही है चमन की फजा पता है क्या। नसीमे सहर का नश्तर कोई चुभा है क्या। फिर इंक़लाब की आहट सुनाई देती है, क़फ़स को लेके परिन्दा कोई उड़ा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 482 Share