डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना 1 Oct 2017 · 1 min read तीन छंद आग इर्ष्या की जलाती उसे जो जलता है जैसे लकडी कोई जलती है राख होती है हम जो कल थे वही हैं आज,मुस्कुराते है गमों के बीच भी, मस्ताना कहे... Hindi · कविता 1 1 284 Share डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना 11 Sep 2017 · 1 min read उत्साह तुम्हारा उत्साह जैसे तम के वक्ष पर प्रकाश की एक किरण वियावान जंगल में कुलांच भरता एक हिरण उदासी को चीरता एक तीर जेठ की दुपहरी पर ज्यों बादलों की... Hindi · कविता 1 1 438 Share डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना 5 Sep 2017 · 1 min read गुरू वन्दना गुरू वन्दना राम बलराम श्री कृष्ण को पढाई जिन्ही तिन्हि के चरण शीश कोटिश: नवाऊँ मैं देवन में देव महादेव से महानगुरूजन चरनन स्नेह सुमन चढाऊँ मैं Hindi · मुक्तक 502 Share डॉ गोरख प्रसाद मस्ताना 4 Sep 2017 · 1 min read मेरा गाँव हाथ बाँधे सच खड़ा है असत्य की मुट्ठी में कैद कराहता, अश्रु बहाता उपेक्षा प्रताड़ना का गीत गाता छलावे की राजनीति से त्रस्त बहुमत अल्पसंख्यक हो गया है अपनी ही... Hindi · कविता 450 Share