D.N. Jha Tag: कुण्डलिया 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read कृषक बरसे सावन झूम के,कृषक दिखे खुशहाल। बिन पानी के खेत सब,हो जाता बदहाल । हो जाता बदहाल, खेत जब सूखा रहता। बारिश हो अति जोर,फसल पानी में बहता। बादल गरजे... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 169 Share D.N. Jha 16 May 2024 · 1 min read बरसात पहले जैसे अब कहाॅं, होती है बरसात। जोर -जोर से भी कभी,होती थी दिन रात। होती थी दिन -रात,चाल छप्पर से टपटप। बादल गरजे जोर,हवा चलती थी सपसप। जल्दी लगती... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 156 Share D.N. Jha 14 May 2024 · 1 min read अभिराम मंदिर प्यारा बन गया, दुनियाॅं में अभिराम। रहे बहुत बनवास में ,आए हैं निज धाम। आए हैं निज धाम,मनुज के भाग खुलेंगे। रघुवर से अब आस,सभी को दरस मिलेंगे। पहुॅंच... Poetry Writing Challenge-3 · कुण्डलिया 1 1 157 Share