Dipak Kumar "Girja" Tag: ग़ज़ल/गीतिका 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dipak Kumar "Girja" 25 May 2024 · 1 min read पछतावा दिल जाने का करे ना तो फिर लौट आइए ठुकरा के यूं मोहब्बत ना दूर जाइए जाना भी क्या जरूरी है,यूं छोड़ के तुम्हें मुड़ मुड़ के आंखों से ना... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 87 Share Dipak Kumar "Girja" 22 May 2024 · 1 min read दिल की आवाज़ वही दिल है लेकिन जवानी नहीं वो दिल धड़कता है लेकिन रवानी नहीं वो उसकी यादें तो दिल में अभी भी है जिंदा मै दीवाना हूं लेकिन दीवानी नहीं वो... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 83 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read आशियाना मेरे वीरान जीवन में उजाला बनके आये थे कभी वो दिन भी थे दिल में बस तुम ही समाये थे मगर सब ख्वाब टूटे और चकनाचूर हो बैठे जो मिलके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 100 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read दीदार यादो के सहारे जीवन मेरा पल पल बीता जाये तेरे दीद को तरसे अखियाँ मेरी पर तुम ना कभी फिर आये मेरी खता थी क्या मुझे पता नहीं तुम आके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 87 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read अधूरा इश्क़ आज मुझे वो याद आयी आँख मेरी फिर भर आई मुझे लगा के उसने छुआ पर यादो की थी परछाई आज मुझे.... एक मुद्दत बीत गया उसको जब उसने मुझको... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 2 84 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read जुदाई होंठो पे लिए मुस्कान तुम्हारा दर्द छुपाये बैठा हूँ आश भले झूठी हो पर मै आश लगाए बैठा हूँ होंठो पे लिए--------- कोई हाल जो मेरा पूछे तो हाल बताता... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 97 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read बेवफ़ाई दो चार क़दम चलते है यहाँ, फिर राहों में खो जाते है कहते हैं हम अपना जिसको, अक्सर वो दगा दे जाते है दो चार क़दम चलते यहाँ———————– हम जिसके... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 112 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read फिकर भुला दिया है जो तूने तो कुछ मलाल नहीं कई दिनों से मुझे भी, तेरा ख़याल नहीं भुला दिया है जो तूने ———— तेरी थी मर्ज़ी, कोई बात कोई ज़िक्र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 103 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read अफ़सोस रहता था बेचैन बहुत कई रातो को मै न सोया था तेरी शादी की उस रात को मै छुप छुप के बहुत ही रोया था रहता था बेचैन बहुत ----... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 89 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read दिल का दर्द वो मंज़र कैसा होगा जब हाँथ मेरा वो छोड़ेंगे वर्षो के नाते पल भर में जब वो मुझसे तोड़ेंगे वो मंज़र कैसा होगा ——— सपनो को संजोये जीवनभर उम्मीद लगाए... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 93 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read तन्हायी तुम्हें जब कभी हम दिखायी ना दे तो समझ लेना किस्सा ख़तम हो गया है कभी जब गली तेरी सूनी लगे तो समझ लेना सूना चमन हो गया है कभी... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 88 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read आख़िरी ख़्वाहिश चले आओ मेरे हमदम अभी तो आस बाक़ी है करो न देर थोड़ा भी की बस कुछ साँस बाक़ी है चले आओ मेरे ---- गुज़रते वक्त के संग में गुज़र... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 52 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read यादें अस्को के बहते धारे कहते है ज़ख्म सारे ग़म ए दरिया सामने है दिखते नहीं किनारे अश्को के बहते ... सब कुछ लुटा हमारा आँखों के सामने आगे न आया... Poetry Writing Challenge-3 · ग़ज़ल/गीतिका 1 89 Share Dipak Kumar "Girja" 21 May 2024 · 1 min read कसक जिस पल तुम मुझसे बिछड़ोगी वह छण अंतिम मेरा होगा कोई और जगह मै क्यों खोजू बस कब्र ही घर मेरा होगा जिस पल तुम----- मेरी आस की डोर बंधी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 87 Share Dipak Kumar "Girja" 17 May 2021 · 1 min read अफ़सोस रहता था बेचैन बहुत कई रातो को मै न सोया था तेरी शादी की उस रात को मै छुप छुप के बहुत ही रोया था रहता था बेचैन बहुत ----... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 476 Share Dipak Kumar "Girja" 27 Mar 2021 · 1 min read ख़ामोशी मेरे तस्वीर के टुकड़ो को सजाया किसने मुझे इश्क़ का कदरदान बनाया किसने शराब में डूबा हुआ प्याला हूँ मै शबनमी एहसासो से जगाया किसने न दूर है कोई न... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 497 Share