Sanjay ' शून्य' Tag: कविता 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read भाव एकाकी यदि भाव तुम्हारा, जीवन में राम नाम की नाव हो। होगा पार जीवन समुद्र भी, चाहे अशांति हो या अभाव हो।। करते रहो तय दूरी प्रतिदिन, यदि तुमको वनवास... Poetry Writing Challenge · कविता 1 177 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read स्वभाव अश्व न खाए मांस को, शेर न खाए घास। सबकी अपनी प्रकृति है, इसमें क्या उपहास।। कुछ ताड़ना से सुधरते, कुछ को चाहीए त्रास। कुछ लाठी के भूत है, कुछ... Poetry Writing Challenge · कविता 2 148 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read सावधानी हटी दुर्घटना घटी कहीं रावण, कहीं मारीच,सुपनखा न मिल जाए। कहीं बहरूपिया कोई, न तुमको ठग के ले जाए।। रखो तुम प्रश्न रूपी वाण, स्वयं चैतन्य तरकश में। लगे जब घाव तो मारीच,... Poetry Writing Challenge · कविता 1 150 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read प्रेम प्रेम के आदी है हमसब, मां प्रेम से ही पहचानी गई। प्रेम के कारण ही सुदामा और मीरा जगजानी भई।। प्रेम के कारण ही खाए थे, राम ने शबरी के... Poetry Writing Challenge · कविता 154 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read मतदान लो चल रहा है देश में नगर निकाय के चुनाव है। न पार्टियों की कमी यहां न नेता का अभाव है।। धरती है राम कृष्ण की शिव बुद्ध का प्रभाव... Poetry Writing Challenge · कविता 1 155 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read धोखा वीर कहां कब रोता है, सर्वदा मृत्यु संग सोता है। खुद खातिर नहीं चाहिए कुछ, वह राष्ट्र समर्पित होता है।। वह कठिन रास्ते चुनता है, तुम चुन लेते हो गद्दारों... Poetry Writing Challenge · कविता 125 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read धनमद अक्सर ऐसा हो जाता है, सहसा जब धन मिल जाता है। खुद को भगवान बताने को, वह सारे जुगत लगाता है।। फिर सत्य कहां करूणा कैसी, मानव गुण सब खा... Hindi · कविता 1 159 Share Sanjay ' शून्य' 14 May 2023 · 1 min read सहजता जीवन सहज सरल है, तुम बोझ न बढ़ाओ। बस राम नाम जपकर, आगे कदम बढ़ाओ।। बस राम नाम लेकर, हनुमत समुद्र लांघे। बिन राम नाम के तो, तुलसी थे बस... Hindi · कविता 1 199 Share