भगवान सिंह धामी Tag: कविता 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid भगवान सिंह धामी 5 Feb 2021 · 1 min read शब्द रच लेते हैं कुछ शब्द ही एक कहानी को, कभी शब्दों की अपनी कहानी नहीं होती। कतरा-कतरा बयां कर देते हैं हर दर्द को, कभी शब्दों की अपनी जुबानी नहीं... Hindi · कविता 3 3 596 Share भगवान सिंह धामी 3 Apr 2018 · 2 min read मां (ईजा) ये दिन ये वक्त बिल्कुल वही है हूबहू वही है यूँ तो रात भर सोया मैं भी ना था आँखे पथराई थी मेरी हाँ लोग कहते भी है जाने वालों... Hindi · कविता 1 329 Share भगवान सिंह धामी 3 Apr 2018 · 1 min read फिर से..... तोड़ दी डोर मैंने इंसानियत की फिर से, उठ चुका विश्वास किसी का फिर मुझ पर से, फिर बोल उठा आज मैं अपने मन से, कि मत जला आशाओं के... Hindi · कविता 284 Share भगवान सिंह धामी 3 Apr 2018 · 1 min read जीवन। जीवन लग जाता है जीवन बनाने में एक जीवन है कि उसका कोई हिसाब नहीं है। ए जीवन चल कि मिल के बात करें आज एक रास्ता मैं बनाता हूँ... Hindi · कविता 378 Share भगवान सिंह धामी 3 Apr 2018 · 1 min read एक सपना ही तो है। तू है तो सुनहरा बहुत, पर ख्वाब ही तो है! आज नहीं तो कल टूट जाएगा, बस एक काँच सा रिश्ता ही तो है! ये प्रलय- सा मन में मेरे... Hindi · कविता 309 Share