Dharamraj Deshraj 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Dharamraj Deshraj 4 Dec 2022 · 1 min read अंज़ामे -आशिक़ी यूं बताना पढ़ा मुझे ग़ज़ल अंज़ामे-आशिक़ी यूँ बताना पड़ा मुझे अहसान आंसुओं का उठाना पड़ा मुझे। पूछा किसी ने मेरी हँसी का जरा सबब अपनी तबाहियों को छुपाना पड़ा मुझे। हाथों में जाम लेके... Hindi 60 Share Dharamraj Deshraj 4 Dec 2022 · 1 min read जाने किस किस को खा गई मिट्टी ग़ज़ल जाने किस -किसको खा गई मिट्टी ज़ीस्त क्या है बता गई मिट्टी। जो जहां को बता चुके अपना उनको अपना बना गई मिट्टी। जिनका दुनियां में नाम चलता था... Hindi 167 Share