devendri mandrawal 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid devendri mandrawal 19 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटा बेटा करते करते आज तीसरी बेटी हुई है उम्मीदों की बली आँचल फिर चढ़ी है दुर्गा माँ की डोली धूम धाम से सजी है और बेटी के हँसने पर... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 496 Share devendri mandrawal 19 Jan 2017 · 1 min read कोई बात बने कोई बात बने ------------------ मोम के पिघलने का सदियों से रहा है दस्तूर कोई पत्थर अब पिघला तो कोई बात बने ऐसा भी नही कि हर शाम हो हसीन धूप... Hindi · कविता 400 Share