दीपक झा रुद्रा Tag: घनाक्षरी 6 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दीपक झा रुद्रा 2 Apr 2024 · 1 min read छंद *घनाक्षरी* प्रास प्रोत का प्रयास प्रवर प्रकाश पुंज प्रेषण प्राचीर पुरूषार्थ प्रतवाण है। प्राण की प्रदिप्तता की प्रथा से परे पुरुष प्रेम पंथ के पुनीत हित परिहाण है। प्रचंडता के... Hindi · अनुप्रास · अलंकार · घनाक्षरी · छंद · दीपक झा रुद्रा 1 1 105 Share दीपक झा रुद्रा 21 Nov 2021 · 1 min read ऐसे छू छू जैसे बाला रूप में छुछुंदरी। *एक घनाक्षरी* *हास्य रस* सलीका नहीं पता तुम्हें बोलने का बोलती हो। ऐसे छू छू जैसे बाला रूप में छुछुंदरी। मुंह लटकाई ऐसे लगती हो जैसे कोई। बिल्ली बनना चाह... Hindi · घनाक्षरी 2 243 Share दीपक झा रुद्रा 14 Nov 2021 · 1 min read क्यों न बाल दिवस हो उनके निशान पर। आओ आओ मैं सुनाऊं पुण्य इतिहास में हैं। खालसा के पंथ पंथ पंथ कुरबान पर। बीच दरबार में जो चुनवा दिए गए थे। साहिब के चार शहजादे बलिदान पर। अजीत... Hindi · घनाक्षरी 2 2 513 Share दीपक झा रुद्रा 3 Sep 2021 · 1 min read स्वाभिमानी भरत पुत्र दो घनाक्षरी उस स्वाभिमानी भरत पुत्र के लिए,जिसने फुटबाल खिलाड़ी बनने का सपना इसीलिए छोड़ दिया कि उसे तुलसी माला को गले से निकालने के लिए कहा गया। खेल भाव... Hindi · घनाक्षरी 1 277 Share दीपक झा रुद्रा 28 Jul 2021 · 1 min read जवान लीजिए एक कवित्त घनाक्षरी आपको निवेदित❤️ युद्ध मध्य जो निचोड़े शत्रुओं को निंबुओ सा प्रतिनिधि वीरता के आन कहे जाते हैं। मात भारती के प्रति होकर आसक्त पुत बलिदान दें... Hindi · घनाक्षरी 1 356 Share दीपक झा रुद्रा 28 May 2021 · 1 min read बरसात मनहरण घनाक्षरी नीर के जो बूंद संग गिर रहे प्रेम रंग, फूल फुलवारी को झुमाया बरसात है। बंजर धरा भी होती हरियाली दिख रही, पोखरों में कमल खिलाया बरसात है।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · घनाक्षरी 3 4 288 Share