दशरथ रांकावत 'शक्ति' Tag: ग़ज़ल 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid दशरथ रांकावत 'शक्ति' 7 Dec 2022 · 1 min read समय वीर का जग नहीं सुनता कभी आर्त दुर्बल की पुकार, सर झुकाता है कि जिसकी है खड्ग की तेज धार। रक्त शत्रु या कि मेरा युद्ध में निश्चित बहेगा, हां युगों तक... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 3 2 193 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 27 Nov 2022 · 1 min read फितरत एक ही थाप से दरिया उफ़ान पर आ गया, जो दिल में था सब ज़बान पर आ गया। जो बुलाते थे कभी आना घर हमारे, रंग बदला मकान से दुकान... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक 1 175 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 15 Nov 2022 · 1 min read बाधाओं से लड़ना होगा संघर्षों के जीवन रण में बाधाओं से लड़ना होगा। ठोकर पग पग पर रोकेगी सहकर आगे बढ़ना होगा। जंगम से रस्तों पर तुमको, एक अकेले चलना होगा। .....….......बाधाओं से लड़ना... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · बाल कविता · शेर 3 2 259 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 9 Nov 2022 · 1 min read कौन बोलेगा मतलबी दुनिया में मीठे बोल कौन बोलेगा, सब रूठेंगें तो मन की गांठें कौन खोलेगा। हर कोई ढूंढ रहा है सिर्फ फ़ायदा रिश्तों में, तो बेटा"खुश रहो मौज करो" कौन... Hindi · कविता · ग़ज़ल · लघु कथा · शेर 2 279 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read ज़िंदा घर सन्नाटा है घर के अंदर टपक रही है और छत भी, लगता है तन्हाई में मैं ये घर भी छुप छुप रोता है। कभी बबूल भी उगा नहीं था जब... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · शेर 1 2 287 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 2 min read कवि कर्म जब अंतस में आग लगी मन जब भी डांवाडोल हुआ, मैंने पीड़ा को शब्द दिये जख्मों का सच्चा मोल हुआ। द्वंद्व उठा जब चित्त विवेक में मन से हर बार... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 3 272 Share दशरथ रांकावत 'शक्ति' 2 Nov 2022 · 1 min read बदलाव तेरे शहर में कबूतरों को कोई कोना नहीं नसीब, हमारे गांव आये मुसाफ़िर को भी रूक के जाना हैं। ख़ुशी में सब मिल के हंसते हैं गमों में साथ रोते... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 188 Share