दशरथ रांकावत 'शक्ति' Tag: प्रेम 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid दशरथ रांकावत 'शक्ति' 5 Nov 2022 · 1 min read बंधन ज्यों बसती है जान किसी जादूगर की तोते में, त्यों ही जान बसा करती है दादा की पोते में। लाख भंवर दिन भर में जिनको डरा नहीं पाते है, शाम... Hindi · कविता · प्रेम · मुक्तक · वात्सल्य · शेर 3 2 347 Share