DARSHAN KUMAR WADHWA 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid DARSHAN KUMAR WADHWA 7 Nov 2018 · 1 min read “हे माँ “ मौत के आगोश में, जाने से पहले , तमन्ना है कि बचपन की मस्तियों में फिर से मशगूल हो जाऊं , उस उम्र में लौटना तो नामुमकिन है अब ,... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 50 829 Share