Chitra Bisht Tag: कविता 82 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Chitra Bisht 20 Nov 2024 · 1 min read खूबसूरत मन खूबसूरत मन की तो सभी सराहना करते हैं पर असल जिंदगी में ये आंकलन फीके लगते हैं सुंदर छरहरी काया सबके मन को भाये मेरी संगिनी का मन हो सुंदर... Hindi · कविता 1 12 Share Chitra Bisht 19 Nov 2024 · 1 min read मुश्किल है जीवन का सफर मुश्किल है जीवन का सफर छोटी सी हस्ती है मगर डर मत, अटल बन हिम्मत ना छोड़, आगे बढ़ आयेंगी कठिनाइयां सताएंगी दुश्वारियां छूट जायेंगे साथी पर बन आत्मनिर्भर, आगे... Hindi · कविता 2 13 Share Chitra Bisht 19 Nov 2024 · 1 min read एक ख्याल हो तुम एक ख्याल हो तुम जो जेहन में है रहता या हो सवाल जिसका जवाब नहीं मिलता शायद ख्वाब हो तुम मेरी रातों का नसीब या फिर हकीकत दिल के बेहद... Hindi · कविता 2 13 Share Chitra Bisht 15 Nov 2024 · 1 min read मेरा अक्स मेरा अक्स लगे कुछ धुँधला सा गर्त और धूल की चादर से ढका आँखों की चमक है फीकी सी मन में अपेक्षाएं कुछ थकी थकी गुबार में चेहरा लगता अजनबी... Hindi · कविता 13 Share Chitra Bisht 14 Nov 2024 · 1 min read ऐसा निराला था बचपन दादी नानी के लाङ में पनपता बात बात पर खिलखिला हॅसता अपनी छोटी सी दुनिया में मस्त ऐसा निराला था बचपन गलियों में साथियों संग खेलता कंचों और गोलियों की... Hindi · कविता 16 Share Chitra Bisht 13 Nov 2024 · 1 min read रिश्ता है या बंधन रिश्ता है या बंधन चुभता है क्यों हर क्षण हर क्षण देता वेदना वेदना और उलाहना उलाहना करते छलनी जज्बात छलनी जज्बात सवाल अंतहीन अंतहीन सवाल उठाता ये रिश्ता रिश्ता... Hindi · कविता 15 Share Chitra Bisht 12 Nov 2024 · 1 min read चुनौतियाँ शहरों की अनगिनत चुनौतियाँ शहरों की कहने और सुनाने को इंसान तो क्या पक्षी भी तरसते एक अदद आशियाने को ना ज़मीन बची ना पेड़ रह गई तो बस भीङ हर चीज़... Hindi · कविता 17 Share Chitra Bisht 11 Nov 2024 · 1 min read उजला चमकता चेहरा उजला चमकता चेहरा चांद सा दमकता चेहरा ये नूर कहां से लाई है हर विज्ञापन की यही लाइन है खूबसूरत बनाना आजकल व्यापार है खूबसूरती के नाम पर बिकते प्रसाधन... Hindi · कविता 15 Share Chitra Bisht 11 Nov 2024 · 1 min read नहीं याद रखना नहीं याद रखना अब झूठे रिश्तों को नहीं दिल में जगह देना अब फरेबी दोस्तों को मुश्किल में जो साथ ना दे नहीं थामना ऐसे हाथों को चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 19 Share Chitra Bisht 11 Nov 2024 · 1 min read माँ तुझे मैं थामना चाहती हूँ माँ तुझे मैं थामना चाहती हूँ तेरा हाथ बटाना चाहती हूँ कमज़ोर होती तेरी काया को सहारा देना चाहती हूँ बस एक बार कर यकीन बेटा नहीं तो क्या बेटी... Hindi · कविता 16 Share Chitra Bisht 9 Nov 2024 · 1 min read ख़ुशियों की दुकान सजाये ख़ुशियों की दुकान सजाये रंग बिरंगा सामान लगाये लगता है हर साल मेला त्योहारों की जब आये बेला अनदेखा कर हर मर्ज़ को रोज़ रोज़ के संघर्ष को भुला कर... Hindi · कविता 16 Share Chitra Bisht 7 Nov 2024 · 1 min read गुजरी जो बीती गलियों से गुजरी जो बीती गलियों से हर पगडंडी बोल उठी खेत की मेड़, नए पुराने पेड़ कुछ पहचाने कुछ अंजान से बहती हवा ने दी शिकायत भारी थपकी कल कल करती... Hindi · कविता 14 Share Chitra Bisht 7 Nov 2024 · 1 min read पिता की व्यथा ख़ूबसूरत हसीन जवान था लोगों में बङा नाम था आदर्श पुत्र, भाई और पिता परिवार के लिए जीता और मरता उम्र के उस पड़ाव पर जब उम्र महसूस होने लगे... Hindi · कविता 19 Share Chitra Bisht 5 Nov 2024 · 1 min read मनमानी करते नेता मनमानी करते नेता मनमर्जियों का राज है कहने में क्या जाता है यहां जनता राज है बड़े बड़े वादे कपट से भरे इरादे मासूम जनता को साधे सुना झूठ सच... Hindi · कविता 18 Share Chitra Bisht 30 Oct 2024 · 1 min read जाना था जाना था, जाना चाहिए था चली जाती तो अच्छा था शायद और काश से उबर कर तेरे साथ हो जाती तो अच्छा था सोचने से सब बिगड गया जिन्दगी का... Hindi · कविता 16 Share Chitra Bisht 29 Oct 2024 · 1 min read बाहर का मंज़र है कितना हसीन बाहर का मंज़र है कितना हसीन मुस्कुराते चेहरे खिलखिलाती हॅसी रंगों में नहाई हसीना खुशबू में डूबा समा अदभुत ये दुनिया सजीली, रंगीन बाहर का मंज़र है कितना हसीन अंदर... Hindi · कविता 22 Share Chitra Bisht 25 Oct 2024 · 1 min read बातों-बातों में बातों-बातों में कुछ ऐसी बात निकली बोलनेवाले की बात, दूसरे को बेहद खली धीरे धीरे बातों ने लिया रूप विवाद का और फिर चला दौर आरोप प्रत्यारोप का इस हद... Hindi · कविता 13 Share Chitra Bisht 24 Oct 2024 · 1 min read आइना बोल उठा आइना मुझसे बोल उठा राज दिल के खोल उठा मन से तू है बेहद हसीन तन से भी कुछ कम नहीं तुझमें कोमल भाव है मिलनसार स्वभाव है जीने का... Hindi · कविता 15 Share Chitra Bisht 23 Oct 2024 · 1 min read फिर करना है दूर अँधेरा फिर करना है दूर अँधेरा, फिर लाना है जगमग सवेरा, खिले हर चेहरे पर रोशनी खुशियों की चमक उठे हर आँगन, गाँव और बस्ती पुरानी सोच के आवरण बदले नई... Hindi · कविता 20 Share Chitra Bisht 22 Oct 2024 · 1 min read आह, ये नशा जीवन के हर रंग से जुड़कर जीता मरता फिर भी मोह तज न पाए आह, ये जीवन का नशा कुछ बनने का नशा आगे बढ़ने का नशा श्रृंगार का नशा... Hindi · कविता 1 15 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read ज़मीन से जुड़े कलाकार ज़मीन से जुड़े हैं ये कलाकार मिट्टी की चीज़ें बना पालते हैं परिवार दिया, खिलौने, मटकी हाथी, घोड़े, लड़का, लड़की घर, बर्तन, पालकी मूर्तियाँ देवी देवताओं की कुछ रूपयों में... Hindi · कविता 1 24 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read बड़ा आदर सत्कार बड़े आदर सत्कार के साथ घर में लाए पूजा,अर्चना, दीप जला स्वागत गीत गाये मोदक, पूरन, मेवा आदि छप्पन भोग लगाए लेकिन पर्व समाप्ति पर विसर्जित किए जाए आप की... Hindi · कविता 2 33 Share Chitra Bisht 18 Oct 2024 · 1 min read आगे बढ़ निरंतर आगे बढ़ निरंतर नई राहों पे हो अग्रसर चाहे अकेला ही सही खुद पर यकीन कर भीङ का हिसा मत बन अपनी राह चुन बेफिक्र साथ की जिद छोड़ कर... Hindi · कविता 1 29 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read कर्ण कृष्ण संवाद रण क्षेत्र में कर्ण का जब आया अंत समय हाथ जोड़ कृष्ण से उत्तर मांगे प्रश्न के हे मुरलीधर, हे देवकीनंदन क्यों इतना कष्टपूर्ण था मेरा जीवन जन्म देते ही... Hindi · कविता 26 Share Chitra Bisht 17 Oct 2024 · 1 min read प्रत्यक्ष खड़ा वो कौन था प्रत्यक्ष खड़ा वो कौन था अपना था तो क्यों मौन था घिर आए काले काले बादल फिर फिर आए अंधियारे बादल डरकर जो किया करूण रुदन वो दुख से क्यों... Hindi · कविता 2 26 Share Chitra Bisht 16 Oct 2024 · 1 min read खूबसूरती से बड़ी ही खूबसूरती से बात करते हैं प्यार करने वाले चुपके से आघात करते हैं रिश्तों में बंधना, बंधन में रहना जो कहा मानना, जो सुना करना जो अपनी करो... Hindi · कविता 19 Share Chitra Bisht 16 Oct 2024 · 1 min read समय की बहती धारा में समय की बहती धारा में कितने आगे निकल गए हम न बदल सके खुद को तुम कितने बदल गए गुफ्तगू होती थी हर रोज कभी हफ्ता बीतते आ जाती थी... Hindi · कविता 18 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read कभी यूं ही कभी यूं ही निकल जाओ अनजान रास्तों पे, कभी हाथ तो मिलाओ यूं ही अजनबियों से है बेहद खूबसूरत जिंदगी रंग बिरंगे नजारों से सजी कभी लुत्फ तो उठाओ इसका... Hindi · कविता 18 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read माॅ के गम में हुई जब विदाई बना दी पराई बिछड़े सखी सखा छूट गया मायका मां की स्नेह डोर से रिश्ते रहे जुड़े नहीं रही मां अंदर कुछ टूटा मायका दोबारा छूटा चित्रा... Hindi · कविता 20 Share Chitra Bisht 15 Oct 2024 · 1 min read आस्था का घर शहर में आज त्योहार की धूम है मंदिर के बाहर उमड़ा लोगों का हुजूम है सभी की है चाहतें, उम्मीदें और इच्छाऐं नतमस्तक होकर जगतपिता को सुनाएं बाहर आती शंखनाद... Hindi · कविता 20 Share Chitra Bisht 14 Oct 2024 · 1 min read आस्था का घर शहर में आज त्योहार की धूम है मंदिर के बाहर उमड़ा लोगों का हुजूम है सभी की है चाहतें, उम्मीदें और इच्छाऐं नतमस्तक होकर जगतपिता को सुनाएं बाहर आती शंखनाद... Hindi · कविता 22 Share Chitra Bisht 14 Oct 2024 · 1 min read रावण, तुम अमर कैसे हो गये हे रावण, तुम अमर कैसे हो गये तुम्हारा अंत तो सतयुग में था निश्चित रामायण में लिखा सत्य है सबको विदित कलियुग में वर्ष दर वर्ष अवतरित कैसा हो गये... Hindi · कविता 17 Share Chitra Bisht 13 Oct 2024 · 1 min read तस्वीरों का सच तस्वीरें हमेशा सच नहीं बोलती दिल में छुपाए जज़्बात नहीं खोलती दिखाती हॅसते मुस्कुराते चेहरे हाथ पकङ करते अनंत बाते माथे पर शिकन का राज़ नहीं खोलती तस्वीरें हमेशा सच... Hindi · कविता 1 19 Share Chitra Bisht 12 Oct 2024 · 1 min read घर के कोने में घर के कोने में मेरी अलमारी है जिसमें रखी चीजें मुझे बेहद प्यारी है जोड़ा है एक एक करके कितने सालों में पहनूं या ना पहनूं दिल करे इनको संभालूं... Hindi · कविता 23 Share Chitra Bisht 11 Oct 2024 · 1 min read नवरात्र के नौ दिन नवरात्र के नौ दिनों ने बचपन की याद दिलाई आस पड़ोस में बालिकाओ को कंजक थी जाती खिलाई सुबह से ही नए वस्त्र पहन होना तैयार अगल बगल के घरों... Hindi · कविता 18 Share Chitra Bisht 8 Oct 2024 · 1 min read बसेरा एक घर की तमन्ना है रहने को जो सिर्फ मेरा हो कहने को चार दीवारें और एक छत बस इतनी सी है चाहत खाली कमरे को मैं अरमानों से भर... Hindi · कविता 1 25 Share Chitra Bisht 6 Oct 2024 · 1 min read बदले मौसम बदले मौसम तारीखें बदलें या हो बदलते हालात वही तुम हो और वही मैं बदल नहीं सकते हमारे जज्बात चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 1 24 Share Chitra Bisht 6 Oct 2024 · 1 min read साथ तेरा मिलता साथ तेरा मिलता अगर जिंदगी कुछ और होती जिंदगी से प्यार हो जाता जिंदगानी कुछ और होती वही दिन और रात शामों की कहानी कुछ और होती चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 19 Share Chitra Bisht 5 Oct 2024 · 1 min read जिस क्षण का जिस क्षण का हफ़्तों से संत्रास था जिसके आगमन का बोझ सा आभास था। बोझिल घड़ी बीत गई उम्मीदों को कर धूमिल, आशाओं को लील गई अब सन्नाटे की है... Hindi · कविता 18 Share Chitra Bisht 5 Oct 2024 · 1 min read मुश्किल है जीना मुश्किल है जीना यहां फिर भी जीना मुझे आता है दम घुटता सा है कभी पर सांस लेते रहने का वादा है जमाना है बेपरवाह तो रहे देता है अनगिनत... Hindi · कविता 22 Share Chitra Bisht 4 Oct 2024 · 1 min read धरती के आगे इस धरती के आगे आसमान और भी है जहां तेरे जैसे बेजुबान और भी है । दुखों से घबराकर हताश न होना उम्मीदों के सामान और भी है । छोड़... Hindi · कविता 1 26 Share Chitra Bisht 4 Oct 2024 · 1 min read आदि शक्ति जन्म के बाद पहला स्पर्श जननी का होता है उसी की उंगली थाम कदम रखना सीखता है पर स्त्री के जन्म पर मातम और अवसाद नवजीवन की खुशी नहीं हुआ... Hindi · कविता 1 28 Share Chitra Bisht 3 Oct 2024 · 1 min read सौंदर्य के मापदंड खूबसूरत मन की तो सभी सराहना करते हैं पर असल जिंदगी में ये आंकलन फीके लगते हैं सुंदर छरहरी काया सबके मन को भाये मेरी संगिनी का मन हो सुंदर... Hindi · कविता 29 Share Chitra Bisht 3 Oct 2024 · 1 min read हमराही काश जीवन एक सफर होता और हम सभी होते राही निकल पड़ते अनजाने रास्तों पर संचित करने की प्रवृत्ति ना होती हावी आने जाने वाले होते सभी अपने ना रिश्ते,... Hindi · कविता 22 Share Chitra Bisht 3 Oct 2024 · 1 min read आइना भी अब आइना भी अब गैरों की तरह है पेश आता चेहरे का नूर देखता है, दिल का दर्द बयान नहीं कर पाता चित्रा बिष्ट Hindi · कविता 1 27 Share Chitra Bisht 2 Oct 2024 · 1 min read तुझमें वो क्या तुझमें वो क्या खास बात है दूर रहकर भी लगता है कि साथ है एहसास तेरे होने का हर पल महसूस किया है जिंदगी का हर लम्हा तेरे साथ ही... Hindi · कविता 28 Share Chitra Bisht 2 Oct 2024 · 1 min read क्या हुआ, क्यों हुआ क्या हुआ क्यों हुआ फिर एक बार यूं हुआ ना होता तो अच्छा होता कुछ भी होता, ये ना होता हुआ ये पहले भी और फिर से अभी बंद होगा... Hindi · कविता 2 28 Share Chitra Bisht 1 Oct 2024 · 1 min read प्यारा भारत देश नहीं सभ्यता है विश्व का अध्यात्म पिता है जो सदियों से जागृत है अनवरत मेरा प्यारा देश, मेरा भारत ज्ञान की बात हो या संस्कारों की सम्मान देने की... Hindi · कविता 15 Share Chitra Bisht 1 Oct 2024 · 1 min read क्या हुआ क्यों हुआ क्या हुआ क्यों हुआ फिर एक बार यूं हुआ ना होता तो अच्छा होता कुछ भी होता, ये ना होता हुआ ये पहले भी और फिर से अभी बंद होगा... Hindi · कविता 29 Share Chitra Bisht 1 Oct 2024 · 1 min read कठपुतली फिर कठपुतली बन जाऊं मैं हर बात पर सर हिलाऊं मैं नाज़ुक डोर खींचती हाथ हंसाती, रूलाती करवाती बात विचारों की जरुरत नहीं भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं जो कहा जाए... Hindi · कविता 28 Share Page 1 Next