पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" Tag: मुक्तक 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 22 Feb 2021 · 1 min read एक पहेली अष्टावक्र ने सर्व लोक से, बस एक सवाल ये पूछ लिया, आठो पहर पढ़ सप्त ऋषियों ने, वेदों से क्या सिख लिया। सारे अजूबे कलयुग में, शून्य आकाश से कैसे... Hindi · मुक्तक 2 1 491 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 3 Mar 2020 · 1 min read पागल!! सुना है, पागलो की बातें, समझ में ही नही आता है। जानता हुँ, नासमझ को ही, यहाँ पागल कहा जाता है।। -:- सोचो समझदार कौंन, जिसे पागल कहा जाता। या... Hindi · मुक्तक 3 450 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 5 May 2019 · 1 min read #बेतकल्लुफ़_हुस्न 006 मोहब्बत नाम है जिसका, वो तो बस अब कहानी है, नही चाहत है ये दिल की, जज्बातों की रवानी है। न कर तू बात अब साथी, उन पिछड़े जमाने की,... Hindi · मुक्तक 1 183 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 1 Mar 2019 · 1 min read अभिनन्दन काट कर ले जाते थे, सरहिन्द से जो सर कभी, उस ज़मी से वीर जिंदा, हिन्द का अब आ रहा है, वक्त बदला देश बदला, खोल आंखे देख पाकी, कैसे... Hindi · मुक्तक 1 2 378 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 7 Dec 2018 · 1 min read सियासत सिया सत के सत् की परिक्षा, वह मर्यादा प्रभु राम की। आज सियासत मिल कर भी, नही रही किसी काम की।। औरो खातिर जिनको पहले, न चाह थी निज आराम... Hindi · मुक्तक 3 286 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read कीचड़ शैतानो की भी जात भली, इन नामकूल गद्दारो से। गन्दे की पैदाइश कीचड़ फेंके, मुल्क के पहरेदारो पे।। ©® पांडेय चिदानंद “चिद्रूप” (सर्वाधिकार सुरक्षित २४/१०/२०१८ ) _________________________________ Hindi · मुक्तक 11 241 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read जागीर हम मान ले उसे कैसे भला , अभिब्यक्ति पत्थर पीर है ? हम मान ले उसे कैसे अपना , खिंचे जो माँ के चीर हैं ? तुम कहो तो मान... Hindi · मुक्तक 11 420 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read ख़ुद्दारी खुद्दारी की कीमत को न, यूँ आंको दौलत से कभी, ख़ैरात में मिलने वाले वह, सोने का बर्तन नहीं लेते ! भले फांको भरी ज़िन्दगी में, करना पड़ जाए बसर,... Hindi · मुक्तक 11 388 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read विदाई अटल मौत के समय काल के, गाल में विघ्न जो डाल गया, स्वाधीनता जश्न के खातिर, यम के फाँसो को जो टाल गया, शीश झुके न झुके पताका, रहे कायम... Hindi · मुक्तक 11 238 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read वतनपरस्ती जिल्लतें जिंदगी भर सहे, इतने हम शर्मशार नही। खोद देंगे हम कब्र उनकी, इससे कोई इंकार नही।। ये वतनपरस्ती तो मेरे, खून के हर कतरे में हैं, अपनी ही माँ... Hindi · मुक्तक 11 397 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read #बेतकल्लुफ़_हुस्न 005 #बेतकल्लुफ़_हुस्न 005 नही चाहिए हमको ज्यादा, बस प्यार तुम्हारा काफी है। होता रहे नजरो में प्रतिपल, दीदार तुम्हारा काफी है।। तुझपे मर मिटने का तो, अधिकार हमारा काफी है। तेरे... Hindi · मुक्तक 11 2 268 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read #बेतकल्लुफ़_हुस्न 004 #बेतकल्लुफ़_हुस्न 004 मुझे तो फख्र है खुद पे, की तू मुझे प्यार करती है, मुझे तो नाज़ है खुद पे, जो तू ये एतबार करती है। मगर अफशोस ! तेरे... Hindi · मुक्तक 11 200 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read #बेतकल्लुफ़_हुस्न 003 #बेतकल्लुफ़_हुस्न 003 तूने दी थी जो कसम जानम, देख मर के भी उसे निभाये हैं, तेरी चाहत में ओे सनम जी, फ़र्ज़ हम अपना नही भुलाये हैं। तूने वादा लिया... Hindi · मुक्तक 11 404 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read #बेतकल्लुफ़_हुस्न 002 #बेतकल्लुफ़_हुस्न 002 वो मेरा इंतजार करते रहें, हम भी इंतेज़ार करते रहें। वो जां निशार करते रहे, हम भी जां निसार करते रहें। पर हाय ऐ किस्मत कमीनी, न था... Hindi · मुक्तक 11 247 Share पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप" 24 Oct 2018 · 1 min read #बेतकल्लुफ़_हुस्न 001 #बेतकल्लुफ़_हुस्न 001 बेतकल्लुफ़_हुस्न की मैं, क्या कदर कर पाऊंगा ? इश्क के बगिया में बोलो, कैसे वसर कर पाऊंगा ? उल्फत की बाते पत्थर से दिल, कौन चाहेगा उलझना, छोड़... Hindi · मुक्तक 11 298 Share