Virendra kumar 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Virendra kumar 29 May 2024 · 1 min read रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है रोशनी से तेरी वहां चांद रूठा बैठा है मैने तुझे मांगा जब भी टूटता हुवा तारा देखा है तेरी जैसी महक यहां किसी फूल में नहीं यकीन कर मेरा मैने... Quote Writer 1 40 Share Virendra kumar 23 May 2024 · 1 min read लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें लोग चाहते हैं कि आप बेहतर करें लेकिन यह भी सच है कि वह कभी नहीं चाहते कि आप उनसे बेहतर करें Quote Writer 42 Share Virendra kumar 12 Mar 2023 · 1 min read “गुरुर मत करो” “गुरुर मत करो” क्या लेकर आये है क्या लेकर जाएंगे । बिन कोई सन्देश दिए वापस हम लौट जाएंगे।। बन्द मुट्ठी आये थे खुले करके जाएंगे। बिन कोई सन्देश दिए... Hindi 257 Share