भरत कुमार सोलंकी Tag: Shayri 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid भरत कुमार सोलंकी 22 Apr 2024 · 1 min read अकेलापन फुल हो तुम किसी डाळ का कांटा बन तनता रहा किसी भौरे का रसपान तुझे क्यो ना बरदास था | मन में हो अगर गहरा प्रेम तो उससे इजहरार कर... Hindi · Shayri 100 Share