Bhawana Kumari 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Bhawana Kumari 26 Jun 2023 · 1 min read रिश्ता कागज का रिश्ता कागज से मेरा (कलम)सदियो पुराना है उसने हर खुशी गम में मुझे(कलम) गले से लगाया है। जब कोई नहीं सुन रहा था बात मेरी तब कागज ने ही सच्चा... Hindi 2 209 Share Bhawana Kumari 21 Mar 2023 · 1 min read खत लिखा उनके नाम मैंने आज रात एक ख्वाब देखा था मैंने एक खत उसके नाम लिखा था मैंने। लिखते लिखते ऑंखें झलक गई मेरी तब कुछ आंसू की बुंदे खत से जा मिली। लिखा... Hindi 2 320 Share Bhawana Kumari 17 Feb 2023 · 1 min read चंदा मामा (बाल कविता) बाल कविता (चँदा मामा) _______________________ चँदा मामा छत पर आना अपने संग चाँदनी लाना जमकर दूध मलाई खाना बादल में जा कर छुप जाना। चँदा मामा छत पर आना साथ... Hindi 313 Share Bhawana Kumari 27 Dec 2022 · 1 min read एक टुकड़ा धूप एक धूप का टुकड़ा आज सुबह सवेरे पेड़ की ओट से मेरे आँगन में झांक रहा था। मैंने कहा उससे रुकना जरा वहीं आती हूँ थोड़ी देर में अभी व्यस्त... Hindi 222 Share Bhawana Kumari 18 Oct 2022 · 1 min read खुशियाँ खुशियाँ तो अक्सर हमारे चारो ओर होती है छोटी छोटी चीजो में हम ही है जो उसे समझ नहीं पाते है और ढूँढ़ते रहते है इधर-उधर। भावना कुमारी Hindi 2 273 Share Bhawana Kumari 3 May 2022 · 1 min read पिता पिता की याद आज आपके जाने के बाद जब पहली बार आई मायके नहीं रोक पाई अपनी आंसु हर पल ऐसा लगा मुझको आप कही न कही से मुझे बुला... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 65 151 1k Share Bhawana Kumari 27 Aug 2019 · 1 min read मिट्टी के घर चन्द सिक्के कमाने की होड़ में, छोड़ कर गाँव शहर में आया मैं । कमाया था वो चन्द सिक्के भी मैने, शहर का चकाचोंध भी भाया मुझको । रोज़ खाता... Hindi · कविता 5 3 866 Share Bhawana Kumari 14 Apr 2019 · 1 min read सब्र सभी कहते है सब्र करो सब्र का फल मीठा होता है । बरसो से तो सब्र ही करते आ रही हूँ पर ना जाने इसका फल कब मिलेगा । कहते... Hindi · कविता 470 Share Bhawana Kumari 16 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम्हारी उपस्थिति माँ! तेरी अनुपस्थिति में ना जाने मुझे क्या हो जाता है? लाख कोशिश के बाद भी रोटियाँ गोल नहीं बनती । गैस पर रखी दूध उबल कर ना जाने कहाँ-कहाँ... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 67 1k Share Bhawana Kumari 16 Nov 2018 · 1 min read माँ तुम्हारी उपस्थिति माँ! तेरी अनुपस्थिति में ना जाने मुझे क्या हो जाता है? लाख कोशिश के बाद भी रोटियाँ गोल नहीं बनती । गैस पर रखी दूध उबल कर ना जाने कहाँ-कहाँ... Hindi · कविता 3 2 429 Share