DR.BHAVANA SHUKLA 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid DR.BHAVANA SHUKLA 21 Jul 2020 · 1 min read दोहे दोहे... नव्य विधा है काव्य की,झरता है संगीत। सरस काव्य की धार से,निकला है नवगीत।। पछुवा की चलने लगी,तेज हवा तत्काल। अपने अगन समेटती,वर्षा दृष्टि विशाल।। सांझ सबेरे ढूंढ़ती, पनघट... Hindi · कविता 8 15 562 Share