Lamhe zindagi ke by Pooja bharadawaj 3 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Lamhe zindagi ke by Pooja bharadawaj 9 May 2022 · 1 min read अभी बाकी है धरा पर जन्मी धरा में ही सिमटना अभी बाकी है कच्ची मिट्टी की बिखरी सी पात्र हूं अभी चाक पर आकार पाना बाकी नए सफर में जाने से पहले थोड़ा... Hindi · कविता 2 1 531 Share Lamhe zindagi ke by Pooja bharadawaj 4 May 2022 · 1 min read पिता “पिता हमारे घर के सुपर हीरो” माँ धरा है तो पिता नींव होते हैं जिन पर पूरे परिवार का बोझ होता है पिता वो विश्वास हैं को जीने की रहाँ... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 1 217 Share Lamhe zindagi ke by Pooja bharadawaj 4 May 2022 · 1 min read मां मां एक शब्द नहीं ये पूर्ण ब्रह्मा है मां जीवनदीयनी मां अंचल है , त्याग राग ,साज, नदी की झंकार मां गर्मी में पवन का ठंडा झोंका मां सर्दी में... Hindi · कविता 140 Share