Avinash Tripathi 10 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Avinash Tripathi 11 Jun 2022 · 1 min read मैं सोता रहा...... "मैं सोता रहा..... कभी सपनों में ,कभी अपनों में, कभी यादों में , मैं खोता रहा। कभी उम्मीदों में , कभी फरियादों में , कभी बातों में ,मैं उलझता रहा... Hindi · कविता 1 722 Share Avinash Tripathi 24 Oct 2021 · 1 min read "युद्ध की घड़ी निकट है" युद्ध की घड़ी निकट है, तू अस्त्र शस्त्र थाम ले। साहस , शौर्य, धैर्य साधे, तू कर्मयोग ठान ले। युद्ध की घड़ी निकट है,........ अव्यक्तता में व्यक्त बनके, तू गीता... Hindi · कविता 1 1 750 Share Avinash Tripathi 25 Jun 2021 · 1 min read "हार तू उपहार है" हार तू उपहार है, तू जीत का श्रृंगार है। तू सीख की है प्रतिध्वनि, तू कर्म का ही प्रहार है। तू मर्म में मर्मज्ञ सा, तू चेतना का सार है।... Hindi · कविता 1 293 Share Avinash Tripathi 29 Dec 2020 · 1 min read कोरोना को नाकाम करो.... कुछ काम करो। कुछ काम करो, कुछ काम करो..... कोरोना को नाकाम करो, कुछ काम करो। जन जन का कल्याण करो, कुछ काम करो। कर्तव्यों का निर्वहन करो, कुछ काम करो। सुरक्षा के... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 20 543 Share Avinash Tripathi 30 Sep 2020 · 2 min read "मैं दिल हूं हिन्दुस्तान का, अपनी व्यथा सुनाने आया हूं।" मैं दिल हूं हिन्दुस्तान का, अपनी व्यथा सुनाने आया हूं। शब्दों का माध्यम लेकर मैं, अपनी पीड़ा बतलाने आया हूं।। राजनीति हर तर्क में क्यो है , क्या जनहित का... Hindi · कविता 2 654 Share Avinash Tripathi 16 Aug 2020 · 1 min read "इंकलाब" एक अभियान ???????? वीरों का सिंहनाद है "इंकलाब", महापुरुषों की जय जय कार है "इंकलाब"। क्रांति की नई ललकार है "इंकलाब", नीति का अद्भुत साक्षात्कार है "इंकलाब"। हिंदू का शंखनाद है "इंकलाब", मुस्लिम... Hindi · मुक्तक 5 4 482 Share Avinash Tripathi 25 Jul 2020 · 1 min read मैंने सोचा??.... आज फिर नयी कविता लिखूं। मैंने सोचा, आज फिर नयी कविता लिखूं। कल्पनाओं की, एक नयी प्रतिमा गढ़ू।। मैंने सोचा.......।। विचारों को एकत्र करूं फिर, शब्दो को पदबद्ध करूं। मैंने सोचा........।। भावों की स्याही भर... Hindi · कविता 3 8 516 Share Avinash Tripathi 5 Jun 2020 · 2 min read प्रकृति तू प्राण है। प्रकृति तू महान है, प्रकृति तू प्राण है। जड़ चेतन है पुत्र तेरे मां, तू जननी इनकी महान है। प्रकृति तू प्राण है। पंचतत्व तुझसे ही है मां, तुझसे ही... Hindi · कविता 4 2 820 Share Avinash Tripathi 15 May 2020 · 1 min read अद्भुत मातृभूमि हमारी। "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" अर्थात् जननी और जन्मभूमि ये स्वर्ग से भी श्रेष्ठ है। जननी जो जन्म देती है और जन्मभूमि जिस धरा पर हम जन्म लेते हैं बड़े होते... Hindi · कविता 3 2 841 Share Avinash Tripathi 24 Mar 2020 · 1 min read कुछ काम करो...(भाग १) कुछ काम करो, आज फिर नाम करो। देश में खुद का नहीं, देश का दुनिया में नाम करो। कुछ काम करो....। आराम को फिर से नाकाम करो, कुछ काम करो।... Hindi · मुक्तक 1 383 Share