Atul "Krishn" Tag: कविता 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read "सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं .... पूछ के उम्र मेरी कम ना कर मेरी ज़िन्दगी के पल साक़ी , सालों बाद तो मिला हूँ फिर अपने आप से ... अभी - अभी तो सुरूर आया है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 9 Share Atul "Krishn" 7 Jun 2024 · 1 min read किस्सा कुर्सी का - राज करने का "राज" ब्रितानियों से सीखा लोगों को लड़ा दे और कर ले राज फिर "कूट कूट के लूट" ले जब तक करते "राज" हों खोट मिला के वोट बाँट दे इस वोट... Hindi · कविता 6 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read आइये - ज़रा कल की बात करें आइये - ज़रा कल की बात करें वो कल जो कल गुजर गया या वो कल जो कल आएगा ? कुछ वाक़िये आज भी कल की याद दिलाते हैं वो... Hindi · कविता 16 Share Atul "Krishn" 4 Jun 2024 · 1 min read हर "प्राण" है निलय छोड़ता निलय निलय निकास नियम अडिग है तन तो बस है एक मिट्टी का घरोंदा "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल... Hindi · कविता 17 Share Atul "Krishn" 2 Jun 2024 · 1 min read पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों के नाम भी होते हैं पलट कर जब पूछा जो उन्होंने क्या लिखते हो ? मुक्तक या छंद कविता या गज़ल हैरान रह गए हम ऐसे पेंचो-ख़म और सितमज़रीफ़ी से सवाल पर पता ना था... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 17 Share Atul "Krishn" 20 Mar 2024 · 1 min read निलय निकास का नियम अडिग है तन तो बस है एक घरोंदा मिट्टी का "साँस " के वास का अल्प ठिकाना नए कुछ घर हैं मज़बूत खड़े समय के जल - और हलचल से कुछ हैं... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 52 Share Atul "Krishn" 13 Mar 2024 · 1 min read वो ऊनी मफलर सर्दी के हैं ये कुछ महीने कस्तूरी की खुश्बू , मेरे साथ होती है पूछते हैं कुछ लोग, कुछ अटकलों में रहते हैं उलझे- उलझे उन्हें क्या पता है वो... Poetry Writing Challenge-2 · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 125 Share Atul "Krishn" 6 Mar 2024 · 1 min read सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है ये सर्दी - ये धुंध भी ना मेरी दुश्मन है औरों की तरह- ये खुशगवार नहीं है किसी ना किसी तरह , तेरी याद ताज़ा रखती है पहाड़ी पगडंडियों पर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 67 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read चाँद सबको अच्छा लगता है जब बड़ी अठखेलियां करता है ताल में अपनी छवि देख क्यों इतना इतराता है ना जाने किसे रिझाता है ? हर बार सिर्फ एक ही रूप... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 45 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read "कथा" - व्यथा की लिखना - मुश्किल है सिर्फ ये मेरी ही बात नहीं हैं ये उतनी ही तेरी भी है कथा व्यथा की लिखना मुश्किल है क्या कहूँ ? कितना कहूँ ? अनुभव के अथाह से चंद... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 83 Share Atul "Krishn" 4 Mar 2024 · 1 min read तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ तलाशता हूँ हर शाम उस "प्रणय यात्रा" के निशाँ बेखयाली में अभी भी सागर की उस नरम रेत पर आज भी जाता ही हूँ तलाशने तुम्हारे पैरों के निशाँ सालों... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 1 58 Share Atul "Krishn" 1 Mar 2024 · 1 min read आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना आसाँ नहीं है - अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना इतना आसाँ नहीं है अंत के सच को बस यूँ ही मान लेना एक भरम है -... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 110 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में कॉन्टामिनेटेड रिश्ते नये - नये... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 69 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read वक़्त के वो निशाँ है वक़्त के वो निशाँ है चेहरे पर हमारे लिखे हुए हर हर्फ़ बारीक़ हैं पढ़ें ज़रा ग़ौर से कुछ ख़ुशियों के इज़हार हैं तो कुछ हैं ग़मज़दा आँखों का समन्दर... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 66 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read और मौन कहीं खो जाता है दर्द -एक आम आदमी का एक आम आदमी का - दर्द गीली लकड़ी में लगी आग सा होता है लपट तो कम होती है घर सारा धुआँ -धुआँ सा होता... Hindi · कविता · ग़ज़ल/गीतिका 50 Share Atul "Krishn" 29 Feb 2024 · 1 min read तपाक से लगने वाले गले , अब तो हाथ भी ख़ौफ़ से मिलाते हैं बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 64 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बदलते वख़्त के मिज़ाज़ बदलते वख़्त के मिज़ाज़ के साथ बसेरा बहुत दूर वतन से हो तो जाता है पर जड़ों में की घर की याद और सोच में मिट्टी की महक बाकी है... Hindi · कविता · ग़ज़ल 73 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read सितमज़रीफ़ी सितमज़रीफ़ी है अचानक यूँ लगा किसी ने फिर झरोखे से झाँकने की कोशिश की हो यह और कुछ नहीं बज़्मे-तस्व्वुरात की सितमज़रीफ़ी है हर लम्हा - हर घूँट हो ज़हराबा-ए-ह्यात... Hindi · कविता · ग़ज़ल 58 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read बस अणु भर मैं बस अणु भर मैं बस एक अणु भर पहचान है हमारी एक अणु ख़ुश्बू हूँ, एक झोंका हवा का, बारिश की पहली एक बूँद हूँ धुँये का छल्ला हूँ, ठहरे... Hindi · कविता · संस्मरण 86 Share Atul "Krishn" 25 Feb 2024 · 1 min read रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल सच्चा रिश्ता - प्रेम भाव अब ऑर्गेनिक हो गया मिलता भी है बड़ा मंहगा ( ग़र ठगे नहीं गये तो) . पर आकर्षक पैक में... Hindi · कविता · संस्मरण 75 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read आइये झांकते हैं कुछ अतीत में आइये झांकते हैं कुछ अतीत में पोंछते हैं आईने की धूल को कड़वा है - पर सच है - बस हम ही सहारा झूठ का लेकर बहलाते हैं मन को... Hindi · कविता · ग़ज़ल 1 113 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read मत कुरेदो, उँगलियाँ जल जायेंगीं साँस लेता आग हूँ राख के परत में दबा हुआ जल जल के रात भर ओढ़ा राख का ये चादर तन - मन तुम्हारे सर्द हो गये हैं अगर तपिश... Hindi · कविता · संस्मरण 1 89 Share Atul "Krishn" 24 Feb 2024 · 1 min read क्षितिज के पार है मंजिल क्षितिज पार है मंजिल चौराहे पर आज जब आकर थम सी गई है जिंदगी फिर हम तलाशते हैं वो नामुमकिन रास्ते फिर लौटने को "उस समय" में गुँजाइश लौटने की... Hindi · कविता · संस्मरण 1 115 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read अतीत - “टाइम मशीन" अतीत के “टाइम मशीन" में बैठ फ़ुरसत में हर शख्श एक बार अपनी यादों की दराजों को एक बार खोलता जरूर है "मन की लाइब्रेरी" के एकांत कोने में छुप... Hindi · कविता · संस्मरण 1 69 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read प्रकृति का बलात्कार समय है अपनी चेतना जगाने का प्रकृति का बलात्कार आदम ने बहुत किया हर शतक के विकराल काल के संकेत को हमने अनदेखा तो कर दिया कलियुग का यह अदृश्य... Hindi · कविता 1 89 Share Atul "Krishn" 23 Feb 2024 · 1 min read काल के काल से - रक्षक हों महाकाल सच में - असुर स्वरभानु ने रूप देव का क्या बदला एक बूँद अमृत का पा के बस अमर ही हो गया कट के दो भाग में जैसे दुगना हो... Hindi · कविता 2 99 Share