अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि Tag: घनाक्षरी 5 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 12 Mar 2021 · 1 min read राम धाम एक ईंट आप भी लगाइए। द्वार बार सज रहा, राम धाम बन रहा, खिल रहा है कमल, आप भी खिलाइए। सुरमयी बयार है,बहार ही बहार है, कोई सुमन प्रेम का, आप भी उगाइए। बाधाओं को... Hindi · घनाक्षरी 1 365 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Mar 2021 · 1 min read शब्द-स्वर की स्वामिनी बोलो जय माता की!! घनाक्षरी छंद शब्द-स्वर की स्वामिनी, हे माता हंसवाहिनी- भाव में प्रवाह कर, छंद में विराजिए। सुमातु हे सुहासिनी माँ अम्ब वीणावादिनी कंठ को सुकंठ कर, कंठ... Hindi · घनाक्षरी 2 1 345 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 5 Mar 2021 · 1 min read भ्रमित किसान अब मनहरण घनाक्षरी८,८,८,७ पाप ताप बढ रहा, प्यार आज घट रहा, कर रहे हैं वैर वो,प्यार को जगाइए। नफरतों के बीज वो,नित रहे हैं आज बो, रोशनी की एक लौ आज... Hindi · घनाक्षरी 2 1 294 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 22 Feb 2021 · 1 min read सत्य कब टिका नहीं,झूठ कब मिटा नहीं सत्य कब टिका नहीं,झूठ कब मिटा नहीं, रूप रॅग है क्षणिक, आप मान जाइए।। हो न कोई बात सत्य,है लुभाता ऐसा तथ्य, बात कोई जांच कर, आप भी बताइए।। पीर... Hindi · घनाक्षरी 1 183 Share अटल मुरादाबादी, ओज व व्यंग कवि 20 Feb 2021 · 1 min read राम नाम एक दीप आप भी जलाइए। मनहरण घनाक्षरी ८,८,८,७ काल के कपाल पर, भारती के भाल पर, खिल रहा है कमल,आप भी खिलाइए। राम लला हैं मगन, सुवासित है चमन, प्रीति-पुष्प-गंध संग,भक्ति गीत गाइए। हर्षित हुए... Hindi · घनाक्षरी 2 367 Share