Ashok deep Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ashok deep 11 Dec 2022 · 1 min read मेरी आँख वहाँ रोती है मेरी आँख वहाँ रोती है । विस्थापित-सा जीवन जीकर कर्कश बोलों का विष पीकर अपने ही जर्जर कंधों पर ममता लाश जहाँ ढोती है । मेरी आँख वहाँ रोती है... Hindi · कविता · ग़ज़ल · गीत · सामाजिक गीत 222 Share Ashok deep 17 Mar 2022 · 1 min read उस दिन मेरी होली होगी उस दिन मेरी होली होगी जिस दिन आँसू नहीं झरेगा जिस दिन जीवन नहीं मरेगा हास्य उड़ेगा आँगन-आँगन चारों ओर ठिठोली होगी । उस दिन मेरी होली होगी । पनघट... Hindi · कविता 331 Share Ashok deep 1 Jan 2021 · 1 min read नारी मांसल पिंड नहीं जब भी कोई चीख़ दफ़न होती है आसमां के सीने में। तड़पकर मरती है जब भी कोई गूँज धरती के किसी कोने में । आ खड़े होते हैं हम संवेदनहीन... Hindi · कविता 2 4 287 Share Ashok deep 31 Dec 2020 · 1 min read जाने कैसी बात चली है गीतिका जाने कैसी बात चली है । सहमी-सहमी बाग़ कली है । जिन्दा होती तो आजाती सायद बुलबुल आग जली है । दुख का सूरज पीढ़ा तोड़े सुख की मीठी... Hindi · कविता 2 5 755 Share