ashfaq rasheed mansuri 24 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ashfaq rasheed mansuri 9 Aug 2016 · 1 min read ना जाने कितनी थकानों के बाद निकले हैं,, न जाने कितनी थकानों के बाद निकले हैं। ये रास्ते जो ढलानों के बाद निकले हैं।। हमें नमाज़ की अज़मत बताने वाले लोग। हमेशा घर से अज़ानों के बाद निकले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 625 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read ज़माने भर को मेरा सर,,, ज़माने भर को मेरा सर दिखाई देता है, हर इक हाथ में पत्थर दिखाई देता है, वो एक चाँद कई दिन से जो गहन में रहा, कभी कभार वो छत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 225 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read जब से हमारे पाँव, रक़ाबों में आ गए, 21 जुलाई 2015 ========== जब से हमारे पाँव रकाबों में आ गए, जितने भी शहसवार थे घुटनों में आ गए, कल शाम उसको देखा तो बस देखता रहा, कल शाम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 249 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read गली मुहल्लों से लश्कर निकालने वाले, गली मोहल्लों से लश्कर निकालने वाले, डरे हुवे हैं बहुत डर निकालने वाले, ये सब ख़ज़ानों के चक्कर में आ के बेठे हैं, मेरी ज़मीनों से पत्थर निकालने वाले, गले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 334 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read बेशक सेहत मंदों को बीमार लिखो, बेशक सेहतमंदों को बीमार लिखो, लेकिन अक़्ल के अंधोँ को सरकार लिखो, जिसके सर पर पगड़ी है ख़ैरातों की, वह भी कहता है, मुझको सरदार लिखो, में जीता हूँ बाज़ी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 248 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read पहले तो मुहब्बत में गिरफ़्तार किया है, पहले तो मुहब्बत में गिरफ़्तार किया है फिर पुश्त के पीछे ही नया वार किया है, इक तू कि मेरे वास्ते फ़ुर्सत नहीं तुझको , इक मैं कि हर इक... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 582 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read उम्मीद अपनी क्या करें,,, उम्मीदें अपनी क्या करें, जज़्बात क्या करें, अपने ही बस में जब नहीं, हालात क्या करें, कशकोल अपने अपने लिए आते हैं सभी, सिक्के हमारे खोटे हैं ख़ैरात क्या करें,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 441 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read तू अगर हे बहुत ख़फ़ा मुझ से,,, ==========ग़ज़ल============ तू अगर है बहुत ख़फ़ा मुझ से! कैसे रखता है राब्ता मुझ से!! बस ज़बां से बताना मुश्किल था! वो इशारों में कह गया मुझ से!! भीग जाती हैं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 315 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read तेरी नज़र के इशारे बदल भी सकते हैं,, ======ग़ज़ल===== तेरी नज़र के इशारे बदल भी सकते हैं, मेरे नसीब के तारे बदल भी सकते हैं, मैं अपनी नाव भवंर से निकाल लाया हूँ, मगर ये डर है किनारे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 518 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read बरसों से,,,,, बरसों से यक्सर* हमारे पीछे है, अनजाना इक डर हमारे पीछे है, फिर दरया में रस्ता पैदा कर मौला, दुश्मन का लश्कर हमारे पीछे है, हम शाइर हैं वक़्त से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 236 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read जो मेरे साथ था,ज़िन्दगी की तरह,, जो मेरे साथ था ज़िन्दगी की तरह, अब वो लगने लगा अजनबी की तरह, जिस्म जिसका है यारों सरापा ग़ज़ल, उसका लहजा भी है शायरी की तरह, उनसे मिलने के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 464 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read हैरत है,,,, हैरत है,वो खून की बातें करते हैं, जो अक्सर कानून की बातें करते हैं, जिनकी जेबें अक्सर ख़ाली रहती हैं, जाने क्यूँ क़ारून की बातें करते हैं, अपनी गलियों का... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 203 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read गले में हाथ डाले जायेंगे अब,, गले मे हाथ डाले जाएंगे अब, छुपे खंज़र निकाले जाएंगे अब, सुना है की अतिक्रमन हटेगा, गरीबों के निवाले जाएंगे अब, हमें अब कौन है जो दे सहारा, तेरी जानिब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 399 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read में जिसे आज तक ना कह पाया,, में जिसे आज तक ना कह पाया। उसने वो बात ट्वीट कर दी है।। जो कहानी सुनी सुनाई थी। आप ने फिर रिपीट कर दी है।। आप ने आ के... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 189 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read दमागों दिल में हलचल हो रही है, दमागो दिल मै हलचल हो रही है. नदी यादों की बे कल हो रही है. तू अपने फेस को ढँक कर निकलना. नगर मै धूप पागल हो रही है. तुम्हारी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 342 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read दुनिया को हादसों में,, दुनिया को हादसों में गिरफ़्तार देखना। जब देखना हो दोस्तों अख़बार देखना।। फिर उसके बाद शौक़ से बेअत करो मगर। पहले अमीर ऐ शहर का किरदार देखना।। उसकी तरफ है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 353 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read किसी कबीले ना सरदार के भरोसे हैं, किसी कबीले ना सरदार के भरोसे हैं। सर अपने आज तलक दार के भरोसे हैं।। हमे तो नाज़ हे अब भी उसी की रेहमत पर। वो और होंगे जो अग्यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read अपने दिल में आग लगानी पड़ती है, अपने दिल में आग लगानी पड़ती है। ऐसे भी अब रात बितानी पड़ती है।। उसकी बातें सुन कर ऐसे उठता हूँ। जैसे अपनी लाश उठानी पड़ती है।। वो ख्वाबों में... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 219 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read अपनी ग़ज़लों को,, अपनी ग़ज़लों को रिसालों से अलग रखता हूँ, यानी ये फूल ,किताबों से अलग रखता हूँ, हाँ बुज़ुर्गों से अकीदत तो मुझे है लेकिन, मुश्किलें अपनी, मज़ारों से अलग रखता... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 438 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read दुश्मनों के नगर में, दुश्मनों के नगर में घर रखना। उसपे ऊँचा भी अपना सर रखना।। में तो कैसे भी जाँ बचा लूँगा। तू मगर इंतजाम कर रखना।। हाँ मुक़ाबिल में तोपें आएँगी। आप... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 360 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read फ़लक़ से मिस्ले परिंदा,, फ़लक से मिस्ले परिंदा उतर भी सकता है। तू जिस अदा से उडा था उतर भी सकता है।। मेरी कमान में इक तीर बच गया है,अभी। तुम्हारी जीत का झंडा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 602 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read सितमगरों की लिखी, सितमगरों की लिखी दास्तान बोलेंगे। हमारे घाव के जिस दिन निशान बोलेंगे।। अशफ़ाक़ रशीद Hindi · शेर 239 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read ज़मीं पर नीम जां यारी पड़ी है, ज़मी पर नीमजाँ यारी पड़ी है। इधर खंजर उधर आरी पड़ी है।। मेरे ही सर प हैं इलज़ाम सारे। बड़ी महँगी वफादारी पड़ी है।। हज़ारो बार देखा आज़मा कर। मुहब्बत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 233 Share ashfaq rasheed mansuri 7 Aug 2016 · 1 min read शेर कई मदारी परचम ले कर निकले हैं, बस्ती में दो-चार मदारी आने पर,, अशफ़ाक़ रशीद Hindi · कविता 245 Share