Arvind trivedi Tag: Gazal ग़ज़ल 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read किसलिए चेहरे पर ये इताब किसलिए | ज़िन्दगी हमसे हिसाब किसलिए | भोर की प्यारी चमक सी तू दिखे, शाम तक गम का ख़िताब किसलिए | पूछतें हाल ओ ख़बर अमीर... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 99 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read हौंसलों की उड़ान हौंसलों की उड़ानें हुईं कम नहीं | कट गये पर मिरे ऐ खुदा ग़म नहीं | कश्तियों को लिए मैं चला जा रहा, रोक ले राह, तूफ़ान में दम नहीं... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल · ग़ज़ल 114 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read और हो जाती जफ़ाओं में वफा की ग़र तिजारत और हो जाती | सनम तुझको यहाँ मुझसे मुहब्बत और हो जाती | ज़रा सा मुस्कुराकर फिर पलक क्यों झुक गई आखिर ? पलक... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल 143 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read खुली तस्वीर को घूरती आँखें यहाँ जब हुस्न की तासीर को | इश्क बैठा हारकर फिर कोसता तकदीर को | है कहाँ मासूमियत अब दिल फ़रेबी से सभी, ज़हर की इन प्यालियों में... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · उर्दू हिंदी ग़ज़ल 1 2 78 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read बाकी है उल्फ़तों की डगर बाकी है | जुल्म़तो का कहर बाकी है | मुद्दतों बाद मिलने आयी, चाह अब भी उधर बाकी है | हाथ माँ ने रखा जब सर पर,... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · कविता/ग़ज़ल 78 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read मुहब्बत क्या बला है बैठ तन्हा सोंचता अक्सर, मुहब्बत क्या बला है । प्यार में खुशियाँ बहुत कम, दर्द का साया घना है । रात दिन हो एक जैसा, दिल में गर बेचैनियाँ हो,... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 71 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read मैं मकां उसी से बचा गया जो लिखा नसीब में है तेरे, वही ज़िन्दगी में तू पा गया । कहीं कोई रोता ही रह गया, तो कहीं किसी को हँसा गया । कहीं मज़हबी सा बवाल... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 112 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read नहीं है निगाहें वही पर मोहब्बत नहीं है । दिलों में किसी के वज़ाअत नहीं है । नक़ाबों के पीछे छिपाते हैं सूरत, शरीफ़ों के अन्दर शराफ़त नहीं है । न पर्दा... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 105 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read निकलते देखे हैं आँखों से अंगार निकलते देखे हैं । चाहत में बीमाऱ निकलते देखे हैं । दरिया भी कितनी ही राहें बदले पर, पानी से पतवार निकलते देखे हैं । आँसू कम... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 64 Share Arvind trivedi 22 Feb 2024 · 1 min read बढ़ जाएगी हुस्न की चौखट पे जाकर बेखुदी बढ़ जाएगी । चाहतों में गलतियों से बेरुखी बढ़ जाएगी । पीर दिल की बस जुबां पर चढ़ने तो दो तुम ज़रा, मयकदों में... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 76 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल मुल्क की खातिर सियासत भी जरूरी है । पर सियासत में रफ़ाक़त भी जरूरी है । रख दिया तुमने जलाकर इन च़रागों को, आँधियों से फिर हिफ़ाज़त भी जरूरी है... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 2 131 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल तुमसे मिलकर आज राहत है मुझे । तिश्नगी है और चाहत है मुझे । बेवज़ह तुम रूठ जाते हो सनम, प्यार की तेरे जरूरत है मुझे । धड़कनें कहतीं सुनो... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 161 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read मिल गया इक किराये का खाली मकां मिल गया । किसको आखिर मुकम्मल जहां मिल गया । कोई तरसा है दो गज़ ज़मीं के लिए, और किसी को खुला आसमां मिल गया... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल · ग़ज़ल 1 64 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल इश्क़ की हर एक कहानी से किनारा कर लिया । कफ़्न लेकर ज़िन्दगानी से किनारा कर लिया । था बहुत मशगूल यारों उल्फ़तों की शाम में, अब जहां की हर... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल 1 74 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल अगर तुम साथ होती तो सफ़र आसान हो जाता । गुनाहों से निकल शायद मैं फिर इंसान हो जाता । नहीं मिलती ज़माने में दिलों की बस्तियाँ उजड़ी, मोहब्बत का... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल 73 Share Arvind trivedi 21 Feb 2024 · 1 min read ग़ज़ल गहरे थे रिश्ते जो उनके रंग क्यों फीके मिले । रेशमी चादर के धागे रोज़ ही उधड़े मिले । आशिकी मासूक से हो या वतन की आन से, इश्क में... Poetry Writing Challenge-2 · Gazal ग़ज़ल 58 Share