Arti vipin gupta Tag: कविता 7 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arti vipin gupta 5 May 2019 · 1 min read छुट्टी कितनी अच्छी लगती छुट्टी, सबके मन की चाहत छुट्टी , जब जब होती ,खुशी ही लाती , पर बस कभी न मुझको मिलती, ऐसी है ये अलहड़ छुट्टी । नानी... Hindi · कविता 1 215 Share Arti vipin gupta 17 Mar 2019 · 1 min read ज़ेब बाबूजी जिसमें गहराई देखते, माँ को लगती हमेशा लंबी कम, भाई के हाथ की होड़ में , बहन का गुमान है बढाती । वह चीज ही ऐसी जिसपर , दुनिया... Hindi · कविता 2 2 296 Share Arti vipin gupta 8 Mar 2019 · 1 min read मैं हूँ न तुम हो एक पूर्ण मानुषी, स्वयं सिद्ध ,अधिकारिणी हो। अकिंचन रहती ,मुस्कान लिए, कभी हंसती कभी हंसाती हो, कुसमित भाव व प्रेम लिए। तुम वीरांगना हो,न दीन बनो, मन की... Hindi · कविता 230 Share Arti vipin gupta 31 Jan 2019 · 1 min read चलो आज कुछ अच्छा करते हैं। प्रपंच से दूर,सरल बनूँ खुशी हो भरपूर कुछ अच्छा करूँ गुरूदेव की मंत्रमाला, प्रभु से बात , छुट्टी का आनंद परिवार का साथ। धर के किसी कोने में अपने जो... Hindi · कविता 218 Share Arti vipin gupta 29 Jan 2019 · 1 min read कब से ढूंढ रही आधा धंटा हो गया, ढूँढते देखते न मिला, गैस के नीचे,इधर उधर , डब्बे सब हटा हटा , देखा जहाँ न सोच सकते मंदिर में,टेबल पर दादी के पास ,न... Hindi · कविता 364 Share Arti vipin gupta 27 Jan 2019 · 1 min read छोड़ो कल की बातें , कल जो तिरंगा था,आज तीन रंग बन गए। जोश के गीत गर्व से गाए ,वो आम हो गाए।। मंच पर बैठे कल ,अतिथि वे अनजान हो गए। बिक रहे थे... Hindi · कविता 240 Share Arti vipin gupta 22 Jan 2019 · 1 min read अमृत कुंभ अमृत कुंभ के संगम में, बस एक बूंद ही मिल जाए, कृष्णमय हो चंचल मन स्थिर आज वह एक पल मिल जाए दूर कहीं हो तुम ही तुम जहाँ, वृंदावन,... Hindi · कविता 387 Share