Arti vipin gupta 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arti vipin gupta 5 May 2019 · 1 min read छुट्टी कितनी अच्छी लगती छुट्टी, सबके मन की चाहत छुट्टी , जब जब होती ,खुशी ही लाती , पर बस कभी न मुझको मिलती, ऐसी है ये अलहड़ छुट्टी । नानी... Hindi · कविता 1 256 Share Arti vipin gupta 17 Mar 2019 · 1 min read ज़ेब बाबूजी जिसमें गहराई देखते, माँ को लगती हमेशा लंबी कम, भाई के हाथ की होड़ में , बहन का गुमान है बढाती । वह चीज ही ऐसी जिसपर , दुनिया... Hindi · कविता 2 2 344 Share Arti vipin gupta 8 Mar 2019 · 1 min read मैं हूँ न तुम हो एक पूर्ण मानुषी, स्वयं सिद्ध ,अधिकारिणी हो। अकिंचन रहती ,मुस्कान लिए, कभी हंसती कभी हंसाती हो, कुसमित भाव व प्रेम लिए। तुम वीरांगना हो,न दीन बनो, मन की... Hindi · कविता 267 Share Arti vipin gupta 31 Jan 2019 · 1 min read चलो आज कुछ अच्छा करते हैं। प्रपंच से दूर,सरल बनूँ खुशी हो भरपूर कुछ अच्छा करूँ गुरूदेव की मंत्रमाला, प्रभु से बात , छुट्टी का आनंद परिवार का साथ। धर के किसी कोने में अपने जो... Hindi · कविता 245 Share Arti vipin gupta 29 Jan 2019 · 1 min read कब से ढूंढ रही आधा धंटा हो गया, ढूँढते देखते न मिला, गैस के नीचे,इधर उधर , डब्बे सब हटा हटा , देखा जहाँ न सोच सकते मंदिर में,टेबल पर दादी के पास ,न... Hindi · कविता 390 Share Arti vipin gupta 27 Jan 2019 · 1 min read छोड़ो कल की बातें , कल जो तिरंगा था,आज तीन रंग बन गए। जोश के गीत गर्व से गाए ,वो आम हो गाए।। मंच पर बैठे कल ,अतिथि वे अनजान हो गए। बिक रहे थे... Hindi · कविता 276 Share Arti vipin gupta 23 Jan 2019 · 1 min read नया नौ दिन पुराना सौ दिन चार दिन विदेश धूमने के बाद स्वदेश लौटने पर माँ के हाथ की करारी रोटी और दाल, नए नए रंग होने के बावजूद दुलहन का लाल जोड़ा ,करवा चौथ पर... Hindi · लेख 577 Share Arti vipin gupta 22 Jan 2019 · 1 min read अमृत कुंभ अमृत कुंभ के संगम में, बस एक बूंद ही मिल जाए, कृष्णमय हो चंचल मन स्थिर आज वह एक पल मिल जाए दूर कहीं हो तुम ही तुम जहाँ, वृंदावन,... Hindi · कविता 481 Share